Ranchi:आशा लकड़ा ने की सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप निर्माण रोकने की मांग….सरकार के साथ बैठक रद्द
राँची।राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य आशा लकड़ा ने विभिन्न आदिवासी समूहों के विरोध के बीच झारखण्ड सरकार से राँची में सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप का निर्माण रोकने का आग्रह किया है।कई आदिवासी संगठन सिरमटोली में बनाये जा रहे फ्लाईओवर के ‘रैंप’ को हटाने की मांग कर रहे हैं।संगठनों का दावा किया कि इससे सरना स्थल तक पहुंचने में बाधा आ रही है। वाहनों की लगातार आवाजाही से इस धार्मिक स्थल की पवित्रता भंग हो सकती है।
आर्यभट्ट सभागार में केंद्रीय सरना समिति और अन्य आदिवासी संगठनों के साथ बैठक के बाद आशा लकड़ा ने मंगलवार को स्थिति का आकलन करने के लिए निर्माण स्थल सिरमटोली का दौरा किया। राँची की पूर्व मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि कई आदिवासी संगठनों ने एनसीएसटी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।उन्होंने कहा कि एनसीएसटी और झारखण्ड सरकार के बीच मंगलवार को अपराह्न साढ़े तीन बजे बैठक होनी थी, लेकिन सरकार ने अपरिहार्य परिस्थितियों का हवाला देते हुए इसे रद्द करने का अनुरोध किया।बैठक की नयी तारीख एक या दो दिन में तय की जायेगी।
आशा लकड़ा बोलीं- आदिवासी संगठनों की मांगें जायज
आशा लकड़ा ने कहा कि स्थल का मुआयना करने के बाद, उन्हें आदिवासी संगठनों की मांगें जायज लगीं।उन्होंने कहा कि सिरमटोली में सरना स्थल आदिवासियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है।सरहुल त्योहार के दौरान लाखों लोग यहां आते हैं और ‘रैंप’ बनने से उनके लिए बाधा उत्पन्न होगी।
आशा लकड़ा ने सरकार से बैठक होने तक ‘रैंप’ का काम रोकने का आग्रह किया।उन्होंने कहा, ‘मैं इस मामले के बारे में सरकार को भी लिखूंगी।’
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बता दें इस फ्लाईओवर की लंबाई 2.34 किलोमीटर है और परियोजना का उद्देश्य सिरमटोली को मेकॉन से जोड़कर लोगों के सफर को सुगम बनाना है।इस परियोजना पर अगस्त 2022 में काम शुरू हुआ था। इसकी लागत करीब 340 करोड़ रुपए है।फ्लाईओवर शुरू होने से हजारों लोगों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी।