मोहाली में झारखण्ड के वैज्ञानिक अभिषेक की मौत, हत्या की सीसीटीवी फुटेज आया सामने…!
राँची/धनबाद। झारखण्ड के वैज्ञानिक को पंजाब में पड़ोसी ने मार डाला।पार्किंग के विवाद में हुई इस हत्या का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि बाइक पार्किंग की वजह से विवाद शुरू हुआ और झारखण्ड के धनबाद जिले के कतरास के रहने वाले वैज्ञानिक अभिषेक स्वर्णकार को उसके पड़ोसी ने धक्का दिया और वह गिर गया।एक बार उठने के बाद वह फिर गिर गया। इसके बाद उसके माता-पिता ने उठाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं उठ पाया। अभिषेक स्वर्णकार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) में काम करता था।मृतक की किडनी ट्रांसप्लांट हुई थी। परिजनों और पड़ोसियों ने मोंटी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मामला मोहाली के सेक्टर-67 का है।साइंटिस्ट अपने माता-पिता के साथ किराये के अपार्टमेंट में रहता था। मंगलवार शाम को 8:30 बजे के करीब वह अपनी बाइक पार्क कर रहा था। इसी दौरान पड़ोसी से बहस हो गयी। पड़ोसी ने उसे जोर से धक्का दे दिया।परिजनों का आरोप है कि मोंटी ने अभिषेक के पेट में घूसा मारा, जिससे उसकी जान गयी।
हालांकि, झगड़े के बाद जब अभिषेक स्वर्णकार नहीं उठ पाया, तो आरोपी ही उसे अपनी गाड़ी में फोर्टिस अस्पताल ले गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने अभिषेक को मृत घोषित कर दिया।इस घटना से पूरे संस्थान और इलाके में शोक की लहर दौड़ गयी।मोहाली के फेज-11 थाने के एसएचओ गगनदीप सिंह ने कहा है कि फोर्टिस अस्पताल से सूचना आयी है।हालांकि, परिजनों ने अभी तक शिकायत नहीं दी है।शिकायत मिलने के बाद पोस्टमार्टम करवाकर उचित कार्रवाई की जायेगी।
घटना के समय वहां मौजूद रोमा ने कहा कि मकान मालिक पटियाला में रहते हैं। वह यहां पर किराये पर रहतीं हैं। मंगलवार की शाम को वह घर के अंदर थीं। शोर सुनकर बाहर निकलीं, तो देखा कि उनके पड़ोसी के साइंटिस्ट बेटे से कोई झगड़ रहा है।पहले उसने साइंटिस्ट को जोर से धक्का देकर गिरा दिया।इसके बाद उसकी छाती पर पंच मारे।साइंटिस्ट की तबीयत बिगड़ गयी, तो उसे लगा कि वह फंस जायेगा।इसके बाद वह अपनी थार कार में डालकर उसे अस्पताल ले गया।रोमा ने यह भी कहा कि कार निकालते समय उनकी कार को भी हिट किया। कार में आरोपियों ने साइंटिस्ट के परिवार के साथ गलत व्यवहार किया। कुछ देर बाद खबर मिली कि साइंटिस्ट की डेथ हो गयी है। मकान के सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग मकान मालिक को भी भेज दी गयी है।
मृतक अभिषेक के मामा के बेटे ने बताया कि वह अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में काम कर चुका था।कुछ समय पहले उसकी तबीयत खराब होने लगी थी।परिवार को उसकी सेहत की चिंता रहती थी।इसलिए वह इंडिया आ गया।परिवार में दो बहनें और बुजुर्ग माता-पिता हैं। पिता पहले ज्वेलरी का काम करते थे। बेटियों की शादी हो चुकी है। कुछ समय पहले अभिषेक की किडनी ट्रांसप्लांट हुई थी।उसकी बहन ने अपनी किडनी दी थी।
IISER से पता चला है कि साइंटिस्ट अभिषेक स्वर्णकार के रिसर्च प्रतिष्ठित जर्नल साइंस में प्रकाशित हुआ था। इसिलए उसे IISER में काम करने का मौका मिला। उधर, IISER में काम करने वालों का कहना है कि विज्ञान जगत के लिए यह बहुत बड़ी क्षति है।