वार्ड सदस्य ने दी जान,परिजनों ने ससुराल पक्ष पर प्रताड़ना का आरोप लगाया…
गुमला।झारखण्ड के गुमला जिला में बिशुनपुर थाना क्षेत्र के केचकी बंडा पाठ गांव की वार्ड सदस्य सह सहिया रीमा उरांव ने शनिवार को आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर रविवार को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गुमला भेज दिया।इसको लेकर मायके पक्ष से मृतका की माता और बहन ने रीमा के पति मनोज उरांव, ससुर रगड़ू उरांव और सोतेली सास रहमनिया उरांव पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इसको लेकर परिजनों ने बिशुनपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया है।
रीमा की बहन प्रतिमा कुमारी ने बताया कि मेरी दीदी बहुत ही शांत स्वभाव की थी उसकी शादी 2011 में हुई था।लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उसका पति, ससुर और सास उसे प्रताड़ित करते थे, उसे मरते-पीटते थे। इस दौरान कई बार वह अपने 3 बच्चों को लेकर पैदल ही गांव से घाघरा रहने हम लोगों के घर रातों रात पैदल आ जाती थी। इस दौरान पति पर मारपीट की बात करते थे।उनके ससुर भी यह कहकर मारपीट करते थे की पैसा अपनी मां को दे देती हो पैसा मांग कर लाओ।घर में प्रताड़ित करने में पति, ससुर के साथ उनकी सास भी शामिल थी।
बहन बताती है कि विधानसभा चुनाव के समय 13 नंबर को भी इन लोगों ने मेरी दीदी के साथ मारपीट की थी। जिससे चेहरा एवं शरीर का अन्य हिस्सा में काला पड़ गया था। ससुराल पक्ष के लोग उसे मारकर आत्महत्या दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। अगर ऐसा नहीं तो फिर निश्चित रुप से ससुराल वाले मेरी दीदी को इतना प्रताड़ित किया कि वो आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गई होगी। गांव में नेटवर्क नहीं रहने के कारण वह हम लोगों को फोन भी नहीं कर सकी होगी।
इधर मामले को लेकर ससुर रगड़ू ने पुलिस को बताया कि पहले मारपीट होता था लेकिन पिछले 6 माह से मारपीट नहीं हुआ है। पुलिस में एएसआई प्रमोद कुमार की मानें तो पोस्टमार्टम उपरांत ही पता चल सकेगा कि ये हत्या है या आत्महत्या। पुलिस हरेक बिंदुओं पर बारीकी से जांच कर रही है।अनुसंधान उपरांत ही कुछ कहा जा सकता है। अनुसंधान में दोषी पाए जाने वाले लोग बख्शे नहीं जाएंगे।