माओवादी छोटू खरवार हत्याकांड:पैसे के लेनदेन में हुई थी हत्या, हत्याकांड में शामिल नक्सली समेत चार आरोपी गिरफ्तार

 

लातेहार।झारखण्ड लातेहार जिले में माओवादियों के रिजनल कमांडर छोटू खरवार हत्याकांड का खुलासा गुरुवार को लातेहार पुलिस ने कर दिया है।मामले में पुलिस ने हत्याकांड में शामिल माओवादी दस्ता सदस्य पूरन परहिया समेत कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।गिरफ्तार आरोपियों में माओवादी दस्ता सदस्य पुरन परहिया के साथ बिनेश्वर भुईयां, नूर मोहम्मद और बालकेश भुईयां शामिल हैं। सभी आरोपी लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र अंतर्गत नावाडीह गांव के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 47 जिंदा गोली भी बरामद की है।

बता दें 27 नवंबर को छोटू खरवार का शव भीमपाव जंगल में बरामद हुआ था।उसकी हत्या गोली मारकर की गई थी। नक्सली कमांडर का शव मिलने के बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई थी।इसी बीच लातेहार एसपी कुमार गौरव को गुप्त सूचना मिली कि छोटू खरवार की हत्याकांड में शामिल माओवादी दस्ता सदस्य पुरन परहिया अपने गांव नावाडीह आया हुआ है।

इस सूचना के बाद एसपी के निर्देश पर डीएसपी भरत राम के नेतृत्व में पुलिस ने एक टीम बनाकर नक्सली की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की।पुलिस की टीम ने पुरन को उसके घर से ही गिरफ्तार कर लिया। बाद में पूछताछ के बाद उसके निशानदेही पर पुलिस ने तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया। वहीं गिरफ्तार नक्सलियों की निशानदेही पर पुलिस ने 47 जिंदा गोली के अलावे एके-47 का एक मैगजीन और अन्य सामान बरामद किया है।

इस संबंध में लातेहार एसपी कुमार गौरव ने बताया कि माओवादी कमांडर छोटू खरवार की हत्या नक्सलियों ने ही पैसे के लेनदेन में हुए विवाद को लेकर की थी। एसपी ने बताया कि पैसे को लेकर हुए विवाद के बाद संगठन में तनाव चल रहा था। नक्सली कमांडर मृत्युंजय भुईयां और छोटू खरवार के बीच वर्चस्व की भी लड़ाई चल रही थी।इस मामले में तनाव बढ़ गया और छोटू खरवार की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

एसपी कुमार गौरव ने बताया कि 25 नवंबर की रात को ही छोटू खरवार की हत्या कर दी गई थी। बाद में माओवादियों ने कुछ ग्रामीणों के सहयोग से छोटू खरवार के शव को जंगल में जमीन के नीचे दफन कर दिया था।लेकिन बाद में 26 नवंबर की रात में फिर से उसके शव को जमीन से निकालकर जंगल में फेंक दिया गया। एसपी ने बताया कि इस हत्याकांड में कई अन्य नक्सली भी शामिल थे, जिन्हें चिन्हित कर लिया गया है। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए भी लगातार छापेमारी कर रही है।

एसपी कुमार गौरव ने इस दौरान बचे हुए नक्सलियों से अपील की है कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर सरेंडर कर दें और समाज की मुख्य धारा से जुड़ जाएं।एसपी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुलिस हर प्रकार से सहयोग देने के लिए तैयार है।

नक्सलियों के खिलाफ की गई छापेमारी में डीएसपी भरत राम, थाना प्रभारी धीरज कुमार सिंह, राधेश्याम कुमार, पुलिस पदाधिकारी रितेश कुमार, राजेश कुमार, सरोज कुमार दास समेत अन्य पुलिस पदाधिकारियों के भूमिका महत्वपूर्ण रही।