हजारीबाग के बरही में दो नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई, पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक के पुत्र आमने-सामने, मारपीट के बाद स्थिति तनावपूर्ण….

हजारीबाग।झारखण्ड के हजारीबाग जिले के बरही में इन दिनों वर्चस्व की लड़ाई चल रही है।वर्तमान कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मनोज यादव के समर्थक आमने-सामने हैं। इस कारण बरही के चौपारण में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।दोनों के समर्थक लाठी-डंडे के साथ सड़क पर उतर आए।इस दौरान अभद्र भाषा का भी उपयोग दोनों पक्षों की ओर से किया गया।जिला प्रशासन ने चौपारण में लगा धारा 163 ( धारा 144 ) चौपारण थाना से महराजगंज चौक तक लागू कर दिया गया है।  

हजारीबाग के बरही में कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला के पुत्र रवि यादव और पूर्व मंत्री मनोज यादव के बीच झड़प हुई है।बीते सोमवार को मारपीट के मामले में पुलिस ने दोनों के समर्थकों को हिरासत में लिया था। हिरासत में लेने की बात को लेकर विवाद बढ़ गया। इसके बाद मनोज यादव ने उमाशंकर अकेला का पुतला दहन कर दिया।जिसके बाद विवाद कुछ इस कदर बढ़ गया कि हाथापाई और मारपीट की नौबत आ गई है।मामले में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मनोज यादव का आरोप है कि वर्तमान विधायक उमाशंकर अकेला के पुत्र रवि यादव ने हथियार के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचकर कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। साथ ही धमकी भी दी गई है।उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने आत्मरक्षा के लिए हथियार दिया है, लेकिन वो उसे हथियार से भय का वातावरण बरही में बना रहे हैं।उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के संरक्षण में विधायक और उनका बेटा बरही में गैर कानूनी काम कर रहे हैं।स्थिति की नजाकत को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल भी घटनास्थल भेजा गया।

इधर, मामले में विधायक उमाशंकर अकेला के पुत्र रवि यादव का आरोप है कि मनोज यादव के समर्थकों ने एक मामले में हमारे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की।इसके बाद हमारे कार्यकर्ता सड़क पर उतर गए। हमारे दो आदमी को थाने में उठा कर लाया गया था।मनोज यादव भी थाने पहुंचे थे और उन्होंने कार्यकर्ताओं को जेल भेजने की धमकी दी थी।इसके साथ ही हमारा पुतला फूंका गया।इसके बाद जब हम पुतला फूंकने लगे तो हमारे एक कार्यकर्ता को लाठी से मारकर सिर फोड़ दिया गया।

वहीं मामले में बरही एसडीपीओ सुरजीत कुमार ने कहा कि वरीय अधिकारी को मामले की जानकारी दी जा चुकी है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।दोनों पक्षों के लोगों को समझाने का काम किया जा रहा है। बताते चलें कि बरही में वर्चस्व की लड़ाई कोई नई बात नहीं है।पहली बार वर्चस्व की लड़ाई में दोनों नेता के समर्थक आमने-सामने हैं। प्रशासन के ऊपर दबाव है कि दोनों पर कार्रवाई की जाए। बहरहाल, मामला कैसे शांत हो यह महत्वपूर्ण है।