ईडी की जब्ती के बाद भी एनओसी की पेच में फंसा पल्स अस्पताल का संचालन, 52 तरह के लाइसेंस व एनओसी चाहिए, जिनमें अधिकांश अस्पातल के पास नहीं….
–ईडी ने एक दिसंबर 2022 को किया था 82.77 करोड़ की संपत्ति जब्त, इसमें बरियातू स्थित पल्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और पल्स डायगोनिस्टक एंड इमेजिंग सेंटर भी था शामिल
–10 मई 2023 को एडजुकेटिंग ऑथोरिटी ने लगाई थी जब्ती पर अंतिम मुहर, एक साल के बाद भी नहीं हो सका है अस्पताल पर ईडी का कब्जा
राँची।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जब्ती और एडजुकेटिंग आथोरिटी की अंतिम मुहर लगने के एक साल से अधिक समय के बाद भी पल्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पर ईडी का पूरी तरह से कब्जा नहीं हो सका है। ईडी उक्त अस्पताल को किसी दूसरी एजेंसी को संचालन के लिए सौंपना चाहता है। जिसके लिए कार्रवाई भी शुरू की गई। ईडी सूत्रों के अनुसार जब पल्स अस्पताल के संचालक के लिए कार्रवाई शुरू हुई तो यह जानकारी सामने आई कि एक अस्पताल के संचालक के लिए जितने तरह के लाइसेंस व एनओसी की आवश्यकता होती है उसमें से अधिकांश पल्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के पास नहीं है। इसलिए कोई भी एजेंसी उक्त अस्पातल को हैंडओवर लेने से कतरा रही है। उनका मानना है कि अगर अस्पताल में अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो ऐसी परिस्थिति में उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। ईडी ने मनरेगा घोटाला में मनी लाउंड्रिंग मामले में निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की 82.77 करोड़ की संपत्ति को एक दिसंबर 2022 को जब्त किया था। जिसपर एडजुकेटिंग ऑथोरिटी (निर्णायक प्राधिकरण) की अंतिम मुहर 10 मई 2023 को लगी थी। जब्ती में बरियातू स्थित पल्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और पल्स डायगोनिस्टक एंड इमेजिंग सेंटर भी शामिल था। ईडी ने मई 2022 में मनरेगा घोटाला मामले में पूजा सिंघल और उनके जुड़े लोगो के 25 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी में ईडी ने पूजा सिंघल के सीए सुमन सिंह के आवास से 19.76 करोड़ रुपए नगद जब्त किए थे। इसके बाद ईडी ने उन्हें 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था।
अस्पताल संचालन के कुछ प्रमुख लाइसेंस व एनओसी जो चाहिए
–लाइसेंस इश्यूइंग आथोरिटी
–डायरेक्ट इंडेक्स नंबर मिनिस्ट्री अॉफ कॉर्पोरेट अफेयर्स प्लान एप्रूवल व आक्यूपेंसी म्यूनिसपल कॉर्पोरेशन
–अप्रूवल अॉफ एचटीटी फॉर इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट अॉफ इलेक्ट्रिसिटी
–फॉयर एनओसी फायर डिपार्टमेंट
–पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से सीएफओ स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड
–बॉयो मेडिकल वेस्ट ऑथोराइजेशन स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड
–एमएसएमई रजिस्ट्रेशन मिनिस्ट्री अॉफ एमएसएमई
ट्रेड लाइसेंस रजिस्ट्रेशन म्यूनिसपल कॉर्पोरेशन
फॉर्मेसी रजिस्ट्रेशन ड्रग कंट्रोलर
–ड्रग बल्क लाइसेंस ड्रग कंट्रोलर ऑपरेटिंग अॉफ किचन फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी
–पीएफ एंड ईएसआई मिनिस्ट्री अॉफ लेबर (राज्य सरकार) रेडियेशन प्रोटेक्शन सर्टिफिकेट बार्क एंड एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बॉडी
–आरएसओ लेबल वन, टू, थ्री सर्टिफिकेट एआईसीटीई
सीटी, आईआर लाइसेंस बार्क
–लाइसेंस फॉर रेडियोएक्टिव सबस्टेंस एईआरबी बार्क
पीएनडीटी एक्ट लाइसेंस मिनिस्ट्री अॉफ हेल्थ डीएमएचओ मिनिस्ट्री अॉफ हेल्थ
–नर्सिंग होम एस्टेब्लिशमेंट एक्ट मिनिस्ट्री अॉफ हेल्थ
रजिस्ट्रेशन अॉफ ईपीएफ ईपीएफ ऑपरेशन अॉफ ब्लड बैंक मिनिस्ट्री अॉफ हेल्थ
–जिस्ट्रेशन अंडर एमटीपी एक्ट मिनिस्ट्री अॉफ हेल्थ
रक्षा राज्य मंत्री ने एम्स देवघर का एक्सटेंशन सेंटर बनाने का दिया था प्रस्ताव
राँची सांसद और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने पल्स अस्पताल को एम्स देवघर का एक्सटेंशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी इस संबंध में प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय को भी जब इस बात की जानकारी मिली कि पल्स अस्पताल के पास सभी तरह के लाइसेंस व एनओसी अस्पताल संचालन के लिए नहीं है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई फिलहाल रूक गई है।
पूर्व विधायक एनोस एक्का और हरिनारायण राय का घर को कब्जे में ले चुका है ईडी
ईडी ने इससे पहले भी जब्ती की कार्रवाई की है और एडजुकेटिंग आथोरिटी से अंतिम मुहर लगने के बाद उसे कब्जे में भी लिया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है पूर्व विधायक एनोस एक्का का हिनू स्थित करोड़ों का बंगला और हरमू में पूर्व विधायक हरि नारायण राय का बंगला। इन दोनों पूरी तरह से ईडी का कब्जा है। ईडी ने हिनू स्थित एनोस एक्का के बंगले में अपना कार्यालय खोल लिया है। वहीं हरिनारायण राय का हरमू स्थित बंगला इतना बड़ा व आलीशान है कि उसमें ईडी जब्त वाहनों को रखता है।
आम लोगो से जुड़ा है अस्पातल इसलिए बंद नहीं करना चाहता ईडी
पल्स अस्पताल आम लोगो से जुड़ा हुआ है। इसलिए ईडी उसे बंद नहीं करना चाहता। ईडी चाहे तो उसमें मरीजों का रजिस्ट्रेशन रोकने के बाद उसे बंद कर सकता है। ऐसा करने से आम लोगो को ही नुकसान होगा। पल्स अस्पताल में करोड़ो के इक्यूपमेेंट और 100 बेड के अस्पताल की सुविधा है। इसलिए उसे बंद करने पर ईडी पर आरोप लग सकता है जानबूझ कर उसे बंद कर दिया गया।