खूँटी जेल में महिला कैदी से दुष्कर्म ! गर्भवती होने पर कारा अस्पताल में कराया अबॉर्शन,कारापाल और जमादार पर आरोप….डीसी ने जांच टीम बनाई..

राँची।झारखण्ड के खूंटी जेल में महिला कैदी के साथ दुष्कर्म, फिर प्रेग्नेंट होने पर जेल अस्पताल में ही अबॉर्शन कराने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले से जुड़ी एक चिट्ठी वायरल हो रही है,जो राष्ट्रीय महिला आयोग, जेल आईजी और खूँटी डीसी के नाम लिखी गई है। हालांकि, चिट्ठी सही है या नहीं इसके बारे में अभी कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन डीसी ने एक कमेटी बनाकर इसकी जांच शुरू कर दी है।

खूँटी एसडीओ के अनुसार जिस महिला के नाम से पत्र है,वह महिला शादीशुदा नहीं है। उसे दूसरी जेल से खूँटी जेल में शिफ्ट किया जा रहा था, तब मेडिकल जांच के दौरान उसके प्रेग्नेंट होने का पता चला था।महिला कैदी ने खुद आवेदन देकर अबॉर्शन कराने की बात कही थी। इसकी जानकारी कोर्ट को दी गई। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद सदर अस्पताल में अबॉर्शन कराया गया था। यह मामला डेढ़ महीने पुराना है।कहा कि जहां तक चिट्ठी की बात है तो किसी भी तरह का आवेदन कोई कैदी सीधे नहीं भेज सकता है। जेल से कोई भी चिट्ठी जेल प्रसाशन के माध्यम से ही जाएगी।हालांकि उन्होंने कहा कि डीसी द्वारा जांच टीम बनाया गया है मामले की जांच की जा रही है।जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

पीड़ित महिला ने लिखी चिट्ठी में जेल के कारापाल और जमादार पर रेप करने और प्रेग्नेंट होने पर अबॉर्शन कराने का आरोप लगाया है। चिट्ठी में यह भी लिखा है-कारापाल और जमादार विनोद पांडेय जेल से छोड़ने का प्रलोभन देकर कार्यालय में ले जाकर एक महीने तक शारीरिक संबंध बनाया। इस वजह से मैं प्रेग्नेंट हो गई।प्रेग्नेंट होने की जानकारी कारापाल को मिली तो उसने मुंह बंद रखने की धमकी दी और कहा किसी को बताई तो जेल में सड़ा देंगे। इसके बाद जेल अस्पताल में अबॉर्शन करा दिया।

महिला कैदी ने 11 मई को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उसने लिखा है कि यह पत्र एक महिला कैदी से छिपाकर भेजवा रही हूं, जो छूटने वाली है। ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि जेल में हमे आवेदन नहीं लिखने दिया गया। चिट्ठी लिखने वाली महिला खुद को पंजाब के लुधियाना की रहने वाली बताती है।

महिला ने चिट्ठी में लिखा है कि कारापाल और जमादार जेल में पिछले आठ सालों से जमे हैं। ये दोनों मोबाइल में गंदा वीडियो रखते हैं, जो महिला कैदियों को दिखाते हैं। वहीं. ये दोनों अधिकारी किसी भी महिला कैदी को कही छूते हैं।जेल में बंद महिला कैदी इनके बर्ताव से तंग आ गई हैं। जमादार विनोद पांडेय के मोबाइल में जेल से छूटी 10 महिला कैदियों का चैट देखा जा सकता है।

वायरल चिट्ठी के संबंध में खूंटी डीसी लोकेश मिश्रा ने बताया कि चिट्ठी नहीं मिली है, लेकिन मामला संज्ञान में है। आज ही इसकी जानकारी मिली है। इसकी जांच कराई जा रही है।मामले की जांच को लेकर एक कमेटी बनाई है। कमेटी में एक महिला डॉक्टर, एक महिला मजिस्ट्रेट और एसडीओ हैं। कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।वहीं खूँटी एसपी अमन कुमार ने इस मामले में कहा कि जांच चल रही है।जांच के बाद जो भी दोषी होंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।