भूखल घासी की कथित भूख से मौत पर मचा घमसान, बाउरी बोले जांच कमेटी बनायी जाए
रिपोर्ट- ज्योति चौहान
राँची: बोकारो जिले के कसमार प्रखंड की सिंहपुर पंचायत के करमा शंकरडीह गांव निवासी भूखल घासी की मौत का मामला एक बार फिर झारखंड विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान उठाया गया, लेकिन सवाल के दौरान न तो सरकार की तरफ से और न ही विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से कोई प्रतिक्रिया आयी. यह मामला छह मार्च का है.
चंदनकियारी के विधायक व पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी ने कहा कि आज से पूर्व भी भाजपा के विधायकों ने भूखल घासी की मौत का मामला सदन में उठाया था और मांग की गयी थी कि इस पर एक जांच कमेटी बनायी जाए, लेकिन आज तक कोई भी संज्ञान सरकार या विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से नहीं लिया गया. उन्होंने बताया कि आज फिर अखबारों ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया है. खबर में बताया गया है कि कैसे उस क्षेत्र के अधिकारी इस मामले को भूख से मौत का न बताते हुए बीमारी से हुई मौत का मामला साबित करना चाहते हैं.
अमर कुमार बाउरी ने कहा कि अधिकारी भूखल घासी के परिजनों को 25000 रुपया का प्रलोभन दे कर मृतक के मौत का कारण बीमारी बताने की बात कहने का दबाब बना रहे हैं. उन्होंने मीडिया के माध्यम से सरकार से मांग की कि इस मामले में पीड़ित के परिजनों को पांच लाख रुपये की राशि का मुआवजा अविलंब सरकार दे और आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि मामले की अनदेखी कर रही सरकार और विधान सभा अध्यक्ष को मैं बताना चाहता हूं कि जब तक भूखल घासी को उचित मुआवजा नहीं मिलेगा यह लड़ाई मैं अकेले ही लड़ता रहूंगा.
बहुत बदहाली में जी रहा है भूखल घासी का परिवार
भूखल घासी के परिवार का हाल संवादाता ने जाना है। झारखंड के एक संवाददाता ज्योति चौहान ने उनके गांव का दौरा किया. भूखल घासी के परिवार में पत्नी रेखा घासी के अलावा पांच बच्चे हैं. सबसे बड़ी बेटी है, जिसकी शादी हो गयी है. उसके बाद दो बेटे हैं, जो होटल में प्लेट धोने का काम करते हैं. दो छोटी बेटियां हैं. भूखल की पत्नी ने बताया था कि उनके पति की मौत से पहले चार दिन से घर में खाना नहीं बना था. घर में कुछ अनाज ही नहीं था. परिवार के पास राशन कार्ड भी नहीं था, ताकि उसे सरकारी राहत के तहत अनाज मिले. घटना के बाद आनन-फानन में जिला प्रशासन ने परिवार का राशन कार्ड बनवाया, जबकि राशन कार्ड के लिए परिवार ने पिछले साल अक्तूबर में ही आवेदन दिया था।