मोहर्रम: राँची में सरकारी आदेश को ठेंगा दिखाते हुए निकला मोहर्रम जुलूस, दर्ज हो गई प्राथमिकी
राँची। पूरा विश्व के साथ साथ हमारा भारत देश भी कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहा है। इसके संक्रमण के रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य की सरकार द्वारा कई प्रकार के पाबन्दियाँ लगाई गई है। कोरोना वायरस के महामारी से लड़ाई के दौरान कितने पर्व त्योहार आये और बीत गए। इस दौरान सरकारी आदेश के अनुरूप सभी पर्व त्योहारों को लोगों ने फ़िके अंदाज में घर पर ही रहकर मनाना उचित समझा। लेकिन राँची में आज कुछ लोगों की हरकतों ने कई मुस्लिम संगठनों को शर्मिंदा कर दिया। इन लोगों ने न केवल मुस्लिम संगठनों के निर्देशों का उल्लंघन किया बल्कि सरकारी आदेश को भी ठेंगा दिखाते हुए मोहर्रम की जुलूस निकाल दिया।
इस मामले में प्रशासन ने छह नामजद सहित 50 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली है। सरकारी आदेश के उल्लंघन करने के आरोप में उलंघनकर्ताओं के विरुद्ध IPC की विभिन्न धाराओं के तहत महामारी रोग अधिनियम 1897, झारखण्ड राज्य महामारी रोग (कोविड 19) विनियमन 2020 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए दर्ज किया गया है, जो कि संक्रमण के रोकथाम के लिए मार्च महीने से ही लागू है।
जानकारी के अनुसार आज निकले मोहर्रम के जुलूस में 100 से अधिक बच्चे और वयस्को ने भाग लिया था। जुलूस जफ़रिया मस्जिद से शुरू होकर करबला चौक तक गया था। इस मामले में ड्यूटी मजिस्ट्रेट द्वारा लिखित शिकायत के आधार पर विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले में लोअर बाजार थाने में लोअर बाजार थाना क्षेत्र में प्रथमिकी दर्ज की गई है। मुहर्रम को लेकर बहू बाजार में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी राकेश वर्मा द्वारा दिए गए लिखित आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी तहजीबुल हसन, नवाब, नन्हे, नेहाल, हैदर और जीशान पर नामजद और अन्य के विरुद्ध दर्ज की गई है। दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण काल में निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद बहू बाजार चर्च रोड स्थित जफरिया मस्जिद के पास से 50 से अधिक की संख्या में धार्मिक जुलूस निकाला। जुलूस निकाल कर महामारी रोग अधिनियम की अवहेलना की गई। जबकि पूर्व में समुदाय के लोगो की ओर से निर्णय लिया गया था कि मुहर्रम के अवसर पर कोरोना महामारी को देखते हुए किसी भी तरह का धार्मिक जुलूस नहीं निकाला जाएगा। इन सभी के विरुद्ध महामारी अधिनियम के उल्लंघन का मामला भादवि की धारा 188, 269, 270 और 271 व 34 आईपीसी के तहत दर्ज किया गया है।