पर्युषण पर्व की आराधना:80 वर्ष के छोटेलाल पिछले 8 दिनों से निर्जला उपवास और मौन व्रत पर बैठे हैं…
राँची। उम्र 80 वर्ष और 8 दिनों से निर्जला उपवास पर मौन धारण किए दिगंबर जैन भवन में चुटिया के छोटे लाल चौरडिया बैठे हैं।कल यानी सोमवार को व्रत का पारण करेंगे और समाज से क्षमा याचना करेंगे। उनकी पत्नी करुणा देवी चौरडिया भी उनके साथ हैं। छोटे भाई हुक्मीचंद चौरडिया भी उनका सहयोग कर रहे हैं। 20 वर्ष की उम्र में राम मुनि के शिष्य बने स्थानकवासी छोटेलाल चौरडिया का जन्म राजस्थान के पाली छतरगढ़ में हुआ था। 60 साल पहले राँची आए और चुटिया में बस गए। कपड़े का कारोबार करने लगे। हर वर्ष होली के समय मौन व्रत धारण करते हैं और पारसनाथ जाते हैं। इनके अलावा अपर बाजार के मोहनलाल पींचा में भी पिछले आठ दिनों से मौन धारण कर रखा है।
इधर श्री श्वेतांबर जैन मंदिर डोरंडा में मूर्तिपूजक संघ का पर्युषण पर्व अंतिम चरण में है। शनिवार को मंदिर में नमिनाथ जिनालय में सुबह भगवान का अभिषेक कर स्नात्र पूजा की गई। पिछले सात दिनों से जारी कल्पसूत्र का वांचन का शनिवार को प्राकृतभाषा में मूलसूत्र का वांचन हुआ। शाम में सभी श्रावक-श्राविकाओं ने सामूहिक प्रतिक्रमण किया। प्रतिक्रमण के बाद साध्वी भगवंतों ने संकुल संघ से क्षमायाचना की। सकल संघ ने भी गुरु भगवंतों से क्षमा मांगने के बाद एक-दूसरे से क्षमा मांगी। पिछले 12 मास, 24 पक्षों, 365 दिनों में किसी भी प्रकार से दुःख पहुंचाया है, तो मन, वचन और काया से मुझे अपने उदार हृदय से क्षमा करें।
वहीं दिगंबर जैन भवन में पर्वाधिराज पर्युषण के सातवें दिन श्री साधु मार्गी जैन संघ के कार्यक्रम में स्वाध्यायी गौतम रांका और सुरेश बोरडिया ने प्रवचन शृंखला जारी रखते हुए बताया कि पर्युषण पर्व की आराधना स्वाध्याय, संस्कार, वातावरण और समय नियोजन से की जा सकती है। पढमं नाणं तओ दआ अर्थात पहले ज्ञान फिर आचरण ज्ञान? आत्मशुद्धि, ज्ञान और प्रज्ञा की निर्मलता और आत्मा की सरलता स्वाध्याय से ही की जा सकती है।