गैंगवार में मारा गया दो अपराधी..! पांडेय गिरोह के दो अपराधी की गोली मारकर हत्या,दो लोग घायल…जांच में जुटी है पुलिस…
पलामू।झारखण्ड के कुख्यात पांडेय गिरोह के दो अपराधियों को गोली मारकर हत्या कर दी गई है। जबकि दो अन्य लोग घायल हैं। दोनों घायलों को इलाज के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है।यह घटना पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा गांव की है।दोनों अपराधियों की पहचान पांडेय गिरोह से दीपक साव, भारत पांडेय के रूप में हुई है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पलामू एसपी रीष्मा रमेशन के नेतृत्व में पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन शुरू की।पुलिस के अनुसार दीपक साव और भरत पांडेय चैनपुर के गरदा में रुके हुए थे। रविवार की देर रात अपराधी पहुंचे और घर का दरवाजा खोलकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।इस फायरिंग में दीपक और भरत की मौके पर मौत हो गई।जबकि घर के दो अन्य सदस्य घायल हो गए।
एसपी रीष्मा रमेशन ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों रामगढ़ के पांडेय गिरोह से जुड़े हैं।दोनों अपराधी पांडेय की ओर से अलग हुए थे और गिरोह पर हमला भी किया था।आशंका जताई जा रही है कि आपराधिक हत्या हुई है।पुलिस सभी बिंदुओं पर अनुसंधान कर रही है। दोनों ने एक अलग से गिरोह खड़ा कर लिया था।दोनों झारखण्ड पुलिस की मोस्ट वांटेड की सूची में भी शामिल था। भरत पांडेय 22 दिसंबर को जेल से बाहर निकला था।बताया जाता है कि दीपक के बच्चे का जन्मदिन था। जन्मदिन मनाने के लिए सभी पलामू के चैनपुर में जमा हुए थे।
पुलिस के अनुसार दीपक और भरत पर रामगढ़ हजारीबाग,राँची के इलाके में कई गंभीर अपराध के एफआईआर दर्ज है।दीपक कभी भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है।
वहीं गोलीबारी में वहीं गरदा गांव के रहने वाले स्व अमरेश सिंह का बेटा अंशु सिंह (19) और औरंगाबाद के पोला गांव का रहने वाला महावीर सिंह (38) गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों को आनन-फानन में एमएमसीएच में रात एक बजे भर्ती कराया गया है। अंशु को दोनों पैर और महावीर को हाथ में गोली लगी है।
गोलीबारी की घटना के बाद दोनों मृतकों का शव मौके पर ही पड़ा है। वहीं जानकारी मिलते ही सदर एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद पुलिस टीम के साथ वारदात की जांच के लिए मौके पर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि महावीर सिंह गरदा गांव में अपने मामा के घर आया हुआ था। महावीर के मुताबिक रात 12 बजे के करीब घर में घुस कर अपराधियों ने गोली चलाई। वहीं अंशु का कहना है कि गोली चलने की आवाज सुनकर उसकी नींद खुली। वह बाहर निकला तो भागते हुए अपराधी ने गोली चलाई जो उसे लग गई।
अपराधियों की गोली से मरने वाले भरत और दीपक साव 31 दिसंबर से गरदा गांव में अपने मौसा के घर रुके हुए थे। मौसा के घर में जन्मदिन में शामिल होने आए हुए थे। ऐसी आशंका है कि गोली मारने वाले बाहर से आकर इन दोनों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। उन्होंने प्लानिंग के तहत रात में गोली चलाई है। एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद ने कहा कि पुलिस हत्या के कारणों की पड़ताल कर रही है।
वहीं पुलिस ने मौके से 25 खोखा बरामद किया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अपराधी खेत से होकर घर तक आए थे और गोली चलाते हुए उसी रास्ते निकल गए। अपराधियों ने अपनी बाइक घटनास्थल से कुछ दूर पर छोड़ दिया था।