राहत-बचाव में झोंक दी गई पूरी ताकत,फिर भी जिंदा जल गई माँ-बेटी….करीब 10 घंटे बाद आग पर पाया काबू…
गिरिडीह।झारखण्ड के गिरिडीह शहर के पचम्बा के मारवाड़ी मुहल्ला में अवस्थित खुशी मार्ट में भीषण अगलगी की घटना में दो लोगों की मौत हो गई है।इस घटना में घर के चार सदस्यों को स्थानीय युवकों और प्रशासन के सहयोग से बचा लिया गया, लेकिन माँ और बेटी अंदर ही फंस गई।जिसमें माँ संगीता डालमिया (45 वर्ष) और बेटी खुशी डालमिया (22 वर्ष) जिंदा जल गई। घटना के बाद क्षेत्र में मातम का माहौल है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटना रविवार की मध्य रात्रि के बाद हुई है।आग लगने की पीछे की वजह शॉट सर्किट बतायी जा रही है। घटना की सूचना के बाद स्थानीय युवकों ने साहस का परिचय दिया और बचाव कार्य शुरू किया। बचाव कार्य में अहम भूमिका निभाने वाले पवन कंधवे बताते हैं कि रात लगभग 2:18 बजे उन्हें फोन आया कि खुशी मार्ट में आग लगा गई है।इस सूचना के बाद वे पैदल ही यहां पहुंचे और अन्य युवकों के साथ मिलकर मकान के अंदर गए और अंदर फंसे लोगों को निकालने का प्रयास शुरु किया।एक-डेढ़ घंटे के बाद सबसे पहले मकान मालिक सीताराम डालमिया के पुत्र दिनेश डालमिया को निकाला गया।फिर सीताराम और उनकी पत्नी किरण डालमिया को निकाला गया, लेकिन दिनेश की पत्नी और बेटी का पता नहीं चला।कई घंटे तक प्रशासन, स्थानीय युवकों और दमकल की टीम ने खोजबीन की, लेकिन दिनेश की पत्नी और बेटी को बचाया नहीं जा सका।स्थानीय सन्नी राइन ने बताया कि घटना के बाद पचम्बा के सभी वर्ग के लोग जुटे और पूरा प्रयास किया कि घर के अंदर फंसे सभी लोगों को सकुशल निकाला जा सके, लेकिन हम दो लोगों को बचा नहीं सकें।वहीं स्थानीय नरेंद्र सिंह ने कहा कि यह काफी दुःखद घटना है।पता चलते ही लोगों का जुटान हुआ और पूरा प्रयास किया गया।
इधर, मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक सह मंत्री सुदिव्य कुमार भी घटनास्थल पर पहुंच गए।मंत्री ने पूरे मामले की जानकारी ली और अधिकारियों को कई निर्देश दिए।मंत्री ने कहा कि बहुत ही हृदय विदारक घटना है। स्थानीय लोगों के साथ प्रशासन ने पूरा प्रयास किया, लेकिन दो की जान चली गई। उन्होंने कहा कि दमकल के पास कुछ संसाधन की कमी है उसे ठीक किया जाएगा।
इधर एक मकान के तीन तल्ले में आग लगने और घरवालों के फंसने की जानकारी जैसे ही डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और एसपी डॉ बिमल कुमार को लगी तो तुरंत हो प्रशासन एक्टिव हो गया।स्थानीय युवकों के साथ पचम्बा थाना प्रभारी राजीव कुमार राहत-बचाव में जुट गए। मुख्यालय से दमकल की पूरी टीम को घटनास्थल भेजा गया। दूसरी तरफ सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रीकांत विस्पुते के साथ एसडीपीओ जीतवाहन उरांव, डीएसपी कौशर अली, अंचलाधिकारी मो असलम, मुफस्सिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो, नगर थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद, पचम्बा इंस्पेक्टर मंटू कुमार के अलावा कई पदाधिकारी और पुलिस बल को लगाया गया।अधिकारियों ने घटनास्थल पहुंचने के बाद देखा कि मुख्यालय के दमकल से आग पर काबू नहीं हो रहा है तो खोरी महुआ, धनबाद और कोडरमा से दमकल की अतिरिक्त टीम बुलाई गई।दमकल की गाड़ियां एक के बाद एक पानी भरकर लाती रही और आग को बुझाने का प्रयास जारी रहा।लगभग 10 घंटे तक आग को बुझाने का काम चलता रहा।
एसडीएम श्रीकांत विस्पुते ने बताया कि गिरिडीह के
पचम्बा एक छोटा सा बाजार है जहां सीताराम डालमिया के घर और दुकान में आग लगा गई थी। तीन मंजिला दुकान सह मकान में रात 02:00 से 02:30 बजे के बीच आग लगी थी।पता चलने के बाद से दमकल और प्रशासन की टीम राहत-बचाव कार्य में जुटी रही।आग पर काबू नहीं पाए जाने की स्थिति में खोरी महुआ, कोडरमा और धनबाद से भी दमकल की टीम बुलाई गई थी। काफी मशक्कत के बाद भी घर के अंदर फंसी एक महिला और उसकी बेटी को नहीं बचाया नहीं जा सका।
बताया जाता है कि अंदर में बचाव कार्य में जुटे दमकल कर्मियों के साथ स्थानीय युवकों और प्रशासन के कर्मियों को आग बुझाने में काफी परेशानी हुई।बताया गया कि पहले तल्ले में आग पर काबू पाने के अलावा जहां अंदर दाखिल होने के लिए दीवार तोड़ी गई वहीं अंदर जाने के बाद सीढ़ी पर रखे कपड़ों के बंडल की वजह से सबसे ऊपर के तल्ले तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।बताया गया कि आग सीढ़ी पर रखे कपड़ों के बंडल पर पकड़ चुकी थी।पानी जब इन बंडल पर डाला जाता था तो ऊपर से कपड़े के बंडल नीचे गिरते और आग की लपटें बढ़ जाती।आग के कारण ऊपर तल्ले की सीढ़ी भी टूट गई।
वहीं,अगलगी में मां-बेटी की मौत होने के बाद पूरे पचम्बा में माहौल गमगीन हो गया है। यहां सभी वर्ग के लोग पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं।घटना में जिस खुशी की मौत हुई है उसकी भी चर्चा हो रही है।बताया गया कि खुशी चार्टड अकाउंटेंट की तैयारी कर रही थी। कोलकाता में रहकर पढ़ाई करती थी।हालांकि हाल में ही वह परीक्षा की तैयारी करने के लिए घर आई थी।आखिर सैकड़ों लोगों, जिला प्रशासन की टीम औऱ अग्निशमन की टीम से कैसे चूक हो गई कि माँ बेटी को नहीं बचा पाया।