राँची की बैठक के बाद बोले संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, RSS से जुड़ रही युवा शक्ति, हर साल 1 लाख लोग कर रहे संपर्क…

 

 

राँची।झारखण्ड की राजधानी राँची में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रांत प्रचारकों की बैठक का आज रविवार को आखिरी दिन था। सरला बिरला यूनिवर्सिटी में हुई बैठक में देशभर के प्रांत प्रचारकों ने हिस्सा लिया। बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा के साथ संघ का विस्तार कैसे किया जाए, इस पर भी मंथन हुआ। बैठक के बाद संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि बड़ी संख्या में युवा संघ से जुड़ना चाह रहे हैं और जुड़ भी रहे हैं।एक सवाल के जवाब में उन्होंने आंबेकर ने कहा कि संघ सीधे चुनाव के काम में नहीं लगता।संघ लोकमत परिष्कार, लोकमत जागरण का कार्य करता है।इस बार भी स्वयंसेवकों ने छोटी-छोटी बैठकों के जरिए से लोकमत परिष्कार का कार्य किया था। लोकतंत्र में लोक सबसे ऊपर है। सभी दल अपनी-अपनी बात लेकर जाते हैं और जनता ने उस पर अपना निर्णय दिया है। उसका सभी को सम्मान करना चाहिए। आपातकाल लगाना गलत था, लोकतंत्र में ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए।आपातकाल के विरोध में संघ ने संघर्ष भी किया था और संघ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी थी।

‘ज्वाइन आरएसएस अभियान से लोग कर रहे संपर्क’

उन्होंने कहा कि संघ ने 2012 में ज्वाइन आरएसएस अभियान शुरू किया था। ऑनलाइन चलने वाले इस अभियान से हर साल 1 से सवा लाख लोग संघ की अलग-अलग गतिविधियों से जुड़ रहे हैं।इस साल जून के अंत तक 66529 ने संपर्क किया था और संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की है. इस साल के संघ के प्रशिक्षण वर्गों की रचना और पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया गया है।

संघ के नेता ने बैठक में हुई चर्चा की जानकारी देते हुए कहा कि विजयादशमी 2025 (100 वर्ष पूरे होने पर) तक देश में संघ कार्य विस्तार को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मंडल और शहरी क्षेत्रों की सभी बस्तियों में रोजाना शाखा लगाने का लक्ष्य तय किया गया है।मार्च 2024 तक देश में 58981 मंडलों में से 36823 मंडल में प्रत्यक्ष दैनिक शाखा है, ऐसे ही शहरी क्षेत्रों में 23649 बस्तियों में से 14645 बस्तियों में संघ कार्य है। बाकी साप्ताहिक और मासिक चलते है।

अहिल्यादेवी के जीवन संदेश को जन-जन तक पहुंचाएगा RSS

उन्होंने संघ के आगामी योजना को लेकर बताया कि यह साल पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर की त्रि-शताब्दी का वर्ष है। पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी ने अपने जीवन में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद एक आदर्श स्थापित किया।उनके जीवन संदेश, जीवन आदर्श को जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्वयंसेवक समाज के साथ मिलकर साल भर कार्य करेंगे। इसका शुभारंभ 31 मई को इंदौर से हो चुका है।

सुनील आंबेकर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से गौ सेवा व ग्राम विकास को मिलाकर विशेष योजना बना रहे हैं।दोनों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं, जिससे गांव की स्थिति बेहतर हो। युवाओं से भी अपील है कि वे 24 घंटे गांव में रहे, काम को देखें और उसमें सहभागी बनें। संघ के स्वयंसेवक देशभर में सेवा कार्य कर रहे हैं। सेवा के साथ स्वावलंबन पर भी बल दिया जाता है।जिससे सेवा प्राप्त करने वाला स्वावलंबी बने।जहां-जहां भी संघ के स्वयंसेवक हैं, मणिपुर सहित उन सभी स्थानों पर स्वयंसेवक निरंतर सेवा कार्य करते हैं, और कर रहे हैं।

देश में धोखे से धर्मांतरण ठीक नहीं: आंबेडकर

पर्यावरण संरक्षण को लेकर संघ की गतिविधियों को लेकर समाज की ओर से अच्छी प्रतिक्रिया सामने आई है।पंच परिवर्तन के विषयों को लेकर तैयारी भी चल रही है और समाज में निरंतर संपर्क भी चल रहा है।जहां तक धर्मांतरण की बात है तो यह धोखे से, जबरन, लालच से नहीं होना चाहिए, यह गलत है।इसे रोकने के लिए कानून भी हैं। सभी को कानून का पालन करना चाहिए।