Ranchi:ग्रामीणों ने बाघ के दहाड़ने की आवाज सुनीं..! सुबह मरा बैल मिला…दशहत में ग्रामीण,वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची…
राँची।जिले के नामकुम थाना क्षेत्र अंतर्गत हुआंगहातू पंचायत के रायसा टोला में रविवार की रात जंगली जानवर ने रोड़े मुंड़ा के बैल को मार डाला। ग्रामीणों का कहना है कि बैल को बाघ ने मारा है।सोमवार की सुबह 6 बजे सोमरा मुंडा के घर के समीप बैल का शव ग्रामीणों ने देखा।बाघ आने की सूचना पूरे पंचायत में आग की तरह फैल गई। रायसा पहुंचे विधायक प्रतिनिधि एतवा उरांव व पंचायत के मुखिया विवेक मुंडा की सूचना पर साढ़े आठ बजे पुलिस एवं दस बजे वन विभाग से प्रभारी वनपाल तैमारा नितेश केशरी, वनरक्षी शशि कुमार महतो, वनरक्षी अनल सिंह मुंडा, राँची डिवीजन की वनरक्षी सरिता कुमारी मौके पर पहुंची।टीम ने आवश्यक जांच किए। वहीं मौके पर पशु चिकित्सक को भी बुलाया गया। उन्होंने जांच व पंचनामा किया।रोड़े मुंड़ा के अनुसार घर से कुछ दूरी पर उनके मवेशी थे। रात ग्यारह से साढ़े ग्यारह बजे सभी मवेशी इधर उधर भागने लगे। ग्रामीणों ने बाघ के दहाड़ने की आवाज सुनीं जिससे सभी डर गये एवं घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं की। गांव के कुत्ते भोंकने लगें जिसके बाद बाघ जंगल की ओर भाग गया।
वनपाल नितेश केशरी ने बताया कि जिस तरह बैल के गले व अन्य जगहों पर चोट व पंचे के निशान है संभवतः बाघ के हमलें से ही मौत हुई है।गले की हड्डी टूटा हुआ है, इस तरह के हमले बाघ, शेर या अन्य बड़े जंगली जानवर ही कर सकते हैं। बताया टीम ने जंगल, नदी व खेत की ओर जाकर व आसपास जाकर पैर के निशान देखने का प्रयास किया गया परंतु नहीं मिले।
बता दें कुछ दिन पहले प्रखंड के रुडुंगकोचा, बंधुवा, कोचडो़ में भी ग्रामीणों ने शेर आने की सूचना दी थी जिसे लेकर खिजरी विधायक राजेश कच्छप की पहल पर पुलिस व वन विभाग की बैठक हुई थी।संभवतः वहां भी बाघ होगा जो भटककर रायसा पहुंचा होगा।
करीब एक दर्जन घरों के टोले रायसा में बाघ आने की सूचना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।सभी शाम होते ही घरों में दुबक गए।ग्रामीणों को आशंका है कि बाघ टोला के समीप जंगल एवं पहाड़ में छिपा होगा।विधायक प्रतिनिधि एतवा उरांव ने बताया कि गांव में सुविधा का अभाव है।साथ ही इंसान तो घर में रह लेंगे परंतु सभी मवेशियों को घर के अंदर रखने में परेशानी हैं।गर्मी की वजह से परेशानी और बढ़ गई है। मुखिया विवेक मुंडा ने ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा।उन्होंने वन विभाग ने ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।