गैंगवार में साथी संग मारा गया पतरातू का फेमस गैंगस्टर भरत पांडेय,करीब 16 घंटे बाद घटनास्थल से उठा शव….एटीएस की टीम भी घटना पर स्थल पहुँची..

 

पलामू। झारखण्ड के रामगढ़ जिले के पतरातू इलाके में सक्रिय फैमस अपराधी भरत पांडेय उर्फ भरत सिंह और उसका सहयोगी दीपक साव गैंगवार में मारा गया है।रविवार की देर रात अपराधियों ने पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा गांव में अपराधियों ने भरत और दीपक को गोलियों से भून डाला। हत्या उस समय हुई जब दोनों गरदा गांव में अजय सिंह के घर में सोए हुए थे।इसी दौरान अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। मौके पर ही दोनों ने दम तोड़ दिया। गोलीचालन में गरदा गांव निवासी अंशु सिंह व बिहार के औरंगाबाद जिला के कुटुंबा थाना क्षेत्र के पोला गांव निवासी महावीर सिंह घायल हो गए।दोनों का इलाज मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पलामू में चल रहा है। उनकी हालत खतरे से बाहर है।

कुख्यात पांडेय गैंग से अलग होकर पतरातू के जयनगर निवासी भरत पांडेय अपना अलग गिरोह चला रहा था। 31 दिसंबर को वह गरदा में अपने मौसा अजय सिंह के घर पहुंचा।उसके साथ दीपक साव भी था। तबसे दोनों गरदा गांव में ठहरे हुए थे। रविवार रात करीब 12 बजे आधा दर्जन अपराधियों ने वहां पहुंचकर अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें भरत व उसका सहयोगी मारा गया।पुलिस जांच और राँची से पहुँची फॉरेंसिक टीम के जांच के बाद शाम में दोनों शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम होगा।

घटनास्थल से पुलिस ने 25 से भी अधिक खोखा बरामद किया है। अपराधियों ने पहले से रेकी कर रखी थी। उन्हें इतना तक पता था कि दोनों घर के किस कमरे में सोए हैं। अंधाधुंध गोलियां बरसाकर उन्हें उठने का मौका ही नहीं दिया।दूसरे कमरे में सोए अंशु सिंह व महावीर सिंह बाहर निकले तो उनपर भी गोलियां दागी गईं। महावीर सिंह के बाए हाथ में गोली लगी है। घायल अंशु सिंह ने बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी कि भरत पांडेय और दीपक साव अपराधी हैं।घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी पैदल ही निकल गए। घटना की जानकारी मिलने के बाद पलामू एसपी रीष्मा रमेशन सोमवार सुबह गरदा गांव पहुंच और जांच की। अनुसंधान में खोजी कुत्ता की मदद भी ली गई। पुलिस को अभी कोई खास सफलता नहीं मिली है।

इधर देर शाम एटीएस की टीम पलामू पहुँची और घटना स्थल पर जाकर जांच पड़ताल की है।एटीएस के अधिकारियों ने घटना स्थल पर कई लोगों से जानकारी ली।एटीएस ने भी इस घटना की जांच शुरू कर दी है।

हिरासत में लिया गया ड्राइवर

पुलिस की जांच में घटनास्थल पर गोली और खोखा बिखरा पड़ा मिला।पुलिस के अनुसार अपराधियों ने हत्याकांड में 7.65 एमएम पिस्टल का इस्तेमाल किया है।पुलिस ने भरत के ड्राइवर को हिरासत में लिया है, जो पलामू का रहने वाला है।करीब तीन महीने पहले ही पलामू का युवक भरत का ड्राइवर बना था।

सीसीएलकर्मी की हत्या में आया था नाम

भरत व दीपक का नाम भुरकुंडा में सीसीएलकर्मी अमित बक्शी की हत्या में आया था। इस मामले में भरत जेल भी जा चुका है। वह 2024 में जेल से बाहर आया था। उसपर पतरातू क्षेत्र में रंगदारी के कई मामले दर्ज हैं।

भरत के कई गिरोहों के साथ थी वर्चस्व की लड़ाई

भरत और दीपक की कोयलांचल में कई आपराधिक गिरोह के साथ वर्चस्व की लड़ाई थी। भरत के चाचा अशोक पांडेय, भोला पांडेय गिरोह का सदस्य हुआ करते थे। 2021 में अशोक पांडेय की हत्या हुई थी।चाचा की हत्या का बदला लेने के लिए भरत ने अशोक बक्शी नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद भोला पांडेय के गिरोह से भरत पांडेय अलग हो गया था और खुद एक नया गिरोह खड़ा किया था.।भरत जुलाई 2024 को जेल से बाहर निकला था। जेल से निकलने के बाद कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था।

 

इधर पलामू एसपी ने कहा कि दोनों मृतकों का आपराधिक इतिहास रहा है। पहले दोनों पांडेय गिरोह से जुड़े थे। बाद में अलग गिरोह बना लिया था। गैंगवार में दोनों की हत्या की गई है। पुलिस घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।