नक्सलियों ने धारदार हथियार से की दो लोगों की निर्मम हत्या…दोनों ट्रैक्टर से अवैध बालू ढुलाई में लगे हुए थे… !
चाईबासा।झारखण्ड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाना क्षेत्र के गीरू गांव में नक्सलियों ने धारदार हथियार से दो लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी।घटना रविवार रात की है जब दोनों लोग ट्रैक्टर से अवैध बालू ढुलाई में लगे हुए थे।नक्सलियों ने धारदार हथियार व कुल्हाड़ी का इस्तेमाल कर उनकी निर्मम हत्या की है।जानकारी अनुसार नक्सलियों ने अवैध बालू खनन और ढुलाई को रोकने के उद्देश्य से यह हमला किया।इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।
पश्चिम सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस की टीम मामले की जांच में जुटी है। घटना के पीछे प्रतिबंधित नक्सली संगठन के होने का संदेह है।घटना के बाद इलाके में पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। वहीं घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में डर का माहौल है।
इधर स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक, रवि पान और उसका एक साथी रविवार शाम 4 बजे के करीब गुदड़ी के बिरकेल पंचायत अंतर्गत गिरू बालू घाट में अवैध रूप से ट्रैक्टर से बालू की ढुलाई कर रहा था। इसी दौरान 8 से 10 की संख्या में मौके पर हथियारबंद पीएलएफआई उग्रवादियों ने ट्रैक्टर को घेर लिया। इसके बाद दोनों को ट्रेक्टर से उतारकर जमकर पिटाई की और उसके बाद दोनों की कुल्हाड़ी और अन्य धारदार हथियार से काटकर निर्मम हत्या कर दी। यही नहीं उग्रवादियों द्वारा दो अन्य युवकों का भी मौके से अपहरण भी कर लिया।यह दोनों विश्वनाथ नामक व्यक्ति का बेटा एवं भतीजा बताया जा रहा है। हालांकि, अभी तक पूरा ब्योरा सामने नहीं आया है। पुलिस जांच कर रही है। इस घटना की पुष्टि पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने कर दी है। एसपी ने बताया है कि दो युवकों की हत्या धारदार हथियार से काटकर किए जाने की उन्हें सूचना मिली है।
एसपी ने बताया कि जिन दो युवकों को अपहरण कर पीएलएफआई उग्रवादी ले गए थे, वह वापस आ गए हैं। मामले की जांच और शवों को अपने कब्जे में लेने के लिए पुलिस की कार्रवाई सोमवार सुबह से शुरू कर दी गई है। पीएलएफआई उग्रवादियों ने दोनों युवक की हत्या क्यों की है, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। वैसे जानकारी मिल रही है की लेवी वसूली या बालू के अवैध कारोबार में वर्चस्व की लड़ाई में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है। बताया जाता है कि घटना को अंजाम देने के बाद पीएलएफआई उग्रवादियों ने धमकी दी है कि उनकी इजाजत के बिना बालू घाट में बालू का कारोबार करने वालों के साथ यही अंजाम होगा।
बता दें कि पूरे झारखण्ड में बालू के खनन और परिवहन पर रोक लगी हुई है, लेकिन इस रोक के बावजूद बालू का अवैध कारोबार पश्चिमी सिंहभूम के मनोहरपुर, गोईलकेरा, गुदड़ी, चाईबासा आदि क्षेत्रों में धड़ल्ले से हो रहा है। थाना और पुलिस के सामने से रोजाना सैकड़ों भारी वाहन बालू की अवैध ढुलाई करते हुए निकल रहे हैं, लेकिन इस पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं लग पा रही है। अब बालू के अवैध कारोबार के वर्चस्व की लड़ाई और लेवी वसूलने को लेकर बालू के अवैध कारोबारियों को उग्रवादियों द्वारा टारगेट किया जा रहा है।
हालात इतने बिगड़ चुके हैं की उग्रवादी अब इसको लेकर हत्या जैसे सनसनीखेज वारदात को भी अंजाम दे रहे हैं और दहशत फैलाते हुए बालू के अवैध कारोबार में वर्चस्व कायम करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इस कारोबार पर उनका वर्चस्व बना रहे। इधर पुलिस और खनन विभाग बालू के अवैध कारोबार और कारोबारियों पर नकेल कसने में पूरी तरह विफल नजर आ रहा है। बालू का अवैध खनन और परिवहन जिले में इस तरह होता है जैसे सरकार और प्रशासन का बालू के अवैध कारोबार पर मौन समर्थन बना हुआ है। अब बालू के अविध कारोबार के कारण पश्चिमी सिंहभूम की धरती रक्तरंजित भी होने लगी है। सरकार बनने से पहले हुई इस घटना ने एक बार फिर से झारखंड की लचर कानून व्यवस्था की कलई खोल कर रख दी है।