ममता दीदी की दबंगई….झारखण्ड से पानी गया तो सड़क ही बंद कर दी…. सील कर दी झारखण्ड की सीमा….वाहनों की लगी लंबी कतारें..

 

राँची।बंगाल में बाढ़ को लेकर दो सहयोगियों में ही आपस में ठन गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दामदर वैली कॉर्पोरेशन (DVC) को राज्य में बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि झारखण्ड की वजह से दक्षिण बंगाल के 11 जिले बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं। तीन दिनों के अंदर बांध से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। उन्होंने झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इसको लेकर बात भी की है। वहीं ममता बनर्जी ने झारखण्ड से लगने वाली सीमा को सील करने का आदेश दे दिया है।सीमा सील होने से व्यवसायिक वाहनों की लंबी लाइनें लग गई है।

ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार सभी नियमों का पालन कर रही थी। डीवीसी के साथ समझौतों को ध्यान में रखा जा रहा है। लेकिन दामोदर वैली कॉर्पोरेशन ने झारखण्ड को बचाने के लिए बंगाल को दांव पर लगा दिया। वहीं झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, बंगाल का यह अप्रत्याशित और गलत है। उन्होंने कहा, अब हम भी बंगाल जाने वाली सारी चीजों को रोक देंगे। झारखण्ड के बांधों में पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था। भारी बारिश की वजह से पानी की रिलीज करना जरूरी था।

ममता बनर्जी का कहना है कि सीमावर्ती इलाके में बाढ़ की वजह से कार बह जा रही हैं। ऐसे में खतरे को देखते हुए बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। वहीं हेमंत सोरेन की सरकार ने जवाबी ऐक्शन लेने की धमकी दे दी है। धनबाद-पश्चिम बर्दवान सीमा के बाद वाहनों का आना जाना मुश्किल हो रहा है। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि बाढ़ की वजह से 26 की मौत हो गई है और ढाई लाख लोग प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, मैंने डीवीसी चेयरमैन और झारखण्ड के सीएम सोरेन से बात की। उनसे आपील की कि और पानी ना छोड़ा जाए।

इधर झारखण्ड पश्चिम बंगाल बॉर्डर चिंचड़ा में पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश पर गुरुवार की देर रात से बॉर्डर सील कर दिया है। बॉर्डर सील करने से एनएच 49 मुंबई कोलकाता मुख्य सडक पर पश्चिम बंगाल जाने वाले सभी ट्रक सडक पर खड़े रहे। ट्रकों की आवागमन बंद रहने के कारण चिंचडा बॉर्डर से माटीहाना तक लगभग 16 किलोमीटर ट्रकों की लंबी कतार लग गई। सडक जाम रहने के कारण ट्रक चालक परेशान हो रहे हैं।

वहीं धनबाद जिले के निरसा स्थित पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल-झारखण्ड सीमा को सील करने का आदेश दिया है। यह बॉर्डर तीन दिनों के लिए सील रहेगा।इस आदेश के बाद कुल्टी थाना के चौरंगी चौकी की पुलिस और कुल्टी ट्रैफिक पुलिस ने झारखंड से बंगाल की ओर आने वाले सभी मालवाहक वाहनों को रोकते हुए उन्हें वापस झारखण्ड की ओर मोड़ दिया है।बंगाल सरकार ने अपने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि किसी भी तरह के झारखण्ड से आने वाली मालवाहक वाहन को बंगाल में प्रवेश नहीं होने देना, जिसके वजह से वाहन चालकों के बीच अफरा तफरी मच गई है। वहीं, झारखण्ड के तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई है।बॉर्डर सील किए जाने बाद सीमा पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं।हालांकि, बंगाल से आने वाले वाहन चालकों को कोई परेशानी नहीं हो रही है, जबकि झारखण्ड से आने वाले वाहनों को बंगाल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा, जिससे उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि डीवीसी इसकी भी जानकारी नहीं दे रहा है कि बांध से कितना पानी पड़ोसी राज्य में छोड़ा जा रहा है। ऐसे में झारखण्ड के साथ लगी सीमा पर पुलिस चेकपोस्ट पर वाहनों को रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि डीवीसी हमेशा झारखण्ड को सुरक्षित रखना चाहता है। हमेशा पश्चिम बंगाल ही यह मुसीबत क्यों झेले? वहीं डीवीसी के कार्यकारी निदेशक अंजनी दुबे ने कहा कि बारिश कम होने की वजह से छोड़े जाने वाले पानी को भी कम कर दिया गया है।

आरोपों का जवाब देते हुए, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने बयान में कहा कि बांधों से पानी छोड़ने के निर्धारित समय के बारे में सभी संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया गया था। पानी का छोड़ा जाना, दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) की सलाह के अनुसार है। इस समिति में पश्चिम बंगाल सरकार, झारखण्ड सरकार, केंद्रीय जल आयोग (सदस्य सचिव) और डीवीसी के प्रतिनिधि शामिल हैं। पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्र और उसके बाद झारखण्ड के ऊपर गहरे दबाव के कारण 14-15 सितंबर को पश्चिम बंगाल के निचले दामोदर घाटी क्षेत्र में काफी बारिश हुई, जबकि झारखण्ड की ऊपरी घाटी में 15-16 सितंबर को भारी बारिश हुई। हालांकि, 17 तारीख से कोई और बारिश नहीं हुई। दक्षिण बंगाल की नदियां – दामोदर नदी के लिए अमता चैनल और मुंडेश्वरी – उफान पर थीं। सिलाबती, कांगसाबती और द्वारकेश्वर जैसी अन्य नदियां जो दामोदर से जुड़ी हुई हैं, वे भी उफान पर थीं।

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