लातेहार:पुलिस ने पीएलएफआई के तीन नक्सली को हथियार के साथ किया गिरफ्तार

 

लातेहार।झारखण्ड के लातेहार पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अपराध की योजना बना रहे पीएलएफआई संगठन के तीन उग्रवादियों को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया।पुलिस के द्वारा गिरफ्तार उग्रवादियों में चंदवा निवासी संतोष उरांव, लोहरदगा कुड़ू निवासी बालक राम और बालूमाथ निवासी आशीष उरांव शामिल हैं।इनके पास से दो देसी बंदूक और सात गोलियां बरामद हुई है।सभी अपराधियों को चंदवा थाना क्षेत्र के हरगड़वा जंगल से गिरफ्तार किया गया है।पुलिस के अनुसार,एसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि चंदवा थाना क्षेत्र के हरगड़वा जंगल में हथियारबंद अपराधी किसी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं।सूचना के बाद एसपी के निर्देश पर डीएसपी अरविंद कुमार और पुलिस इंस्पेक्टर रणधीर कुमार के नेतृत्व में पुलिस की टीम गठित की गई और उग्रवादियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की गई।पुलिस की टीम ने चारों ओर से घेरकर उग्रवादियों के खिलाफ छापामारी किया।हालांकि पुलिस को देखकर उग्रवादी भागने का प्रयास किया परंतु पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार कर लिया। छानबीन के क्रम में उनके पास से दो बंदूक और साथ जिंदा गोलियां बरामद हुई।

इस सम्बंध में गुरुवार को प्रेस वार्ता करते हुए डीएसपी अरविंद कुमार ने बताया कि गिरफ्तार उग्रवादी कई हिंसक घटनाओं के मुख्य अभियुक्त रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि गत दिनों चंदवा थाना क्षेत्र के सेरक गांव के पास भट्ठा और क्रेशर में गोली चलाने की घटना में तीनों उग्रवादियों की प्रमुख भूमिका थी।

डीएसपी ने बताया कि तीनों उग्रवादियों के द्वारा लातेहार जिला में काम कर रहे लोगों को रंगदारी के लिए धमकी दिए जाने की शिकायत भी मिल रही थी। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापामारी भी कर रही थी। इसी बीच पुलिस अधीक्षक को मिली सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार उग्रवादी संतोष उरांव पर लातेहार जिला के अलावा आसपास के दूसरे जिलों में कुल 23 हिंसक मामले दर्ज हैं।बालक राम पर भी 9 से अधिक अपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार तीनों उग्रवादी पूर्व में भी जेल जा चुके हैं।जेल से निकलने के बाद तीनों फिर से अपराधी घटनाओं में शामिल हो गए।

उग्रवादियों की गिरफ्तारी में डीएसपी अरविंद कुमार के अलावा इंस्पेक्टर रणधीर कुमार, सब इंस्पेक्टर अजीत कुमार, अरविंद कुमार सिंह, श्रवण कुमार, राकेश कुमार महतो समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के भूमिका महत्वपूर्ण रही।

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