झारखण्ड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने दुमका में किया ध्वजारोहण…
दुमका। 15 अगस्त यानी आज भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। स्वतत्रंता दिवस पर झारखण्ड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने झारखण्ड की उप राजधानी दुमका में ध्वजारोहण किया। स्वतत्रंता दिवस पर अपने संबोधन की शुरुआत संतोष गंगवार ने जय जोहार के साथ किया।झारखण्डवासियों को 78वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज का दिन देशवासियों के लिए बहुत ही गर्व का दिन है। आज ही के दिन भारत ने सदियों की गुलामी के बाद ब्रिटिश दासता से मुक्ति पाई थी।
राज्यपाल ने कहा कि यह आजादी कई महान सपूतों के बलिदान और त्याग से प्राप्त हुई है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू सरदार भगत सिंह, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, बाबा साहेब भीमराव, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, चन्द्रशेखर आजाद और उन तमाम अनजान अमर शहीदों ने स्वतंत्रता के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया है। आज के दिन हम इन सभी को श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं।स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्यपाल गंगवार ने झारखण्ड के सपूतों को भी याद किया। राज्यपाल ने कहा कि झारखण्ड की माटी वीर सपूतों की जननी रही है। ऐसे महान सपूत, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी।
राज्यपाल ने कहा कि इस अवसर पर मैं बिरसा मुंडा समेत झारखण्ड के अन्य महान सपूतों वीर सिद्धो, कान्हू, चांद, भैरव, वीर बुधु भगत, पांडेय गणपत राय, नीलाम्बर, पीताम्बर, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव और उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया।
राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद हमारे देश ने सभी क्षेत्रों में प्रगति की है और कई क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित किया है। इस उपलब्धि में झारखण्ड का योगदान बेहद अहम है।
राज्यपाल ने कहा कि झारखण्ड के विकास के लिए सरकार व्यापक प्रयास कर रही है। हमारी सरकार संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन उपलब्ध कराने के संकल्प के साथ विकास पथ पर अग्रसर है। सरकार के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि झारखण्ड न केवल भारत, बल्कि विश्व क्षितिज पर अपनी चमक बिखेर रहा है।राज्यपाल ने कहा कि किसी भी राज्य के विकास के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था का होना आवश्यक है। पीएम मोदी द्वारा कानून-व्यवस्था को सुधारने के लिए 3 नए कानून देश में लागू किये गए हैं। इसका मुख्य उद्देश दोषी को सजा दिलाने के साथ पीड़ितों को न्याय दिलाना है। यह एक ऐतिहासिक कदम है।
राज्यपाल ने कहा कि झारखण्ड में 112 नंबर पर पुलिस, अग्निशमन, एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध हैं। नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। सुरक्षा बलों ने अबतक 143 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस मुठभेड़ में 6 नक्सली मार गिराए गए हैं। आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत अबतक कुल 21 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं है।राज्यपाल ने कहा कि जैसे-जैसे हमारा देश डिजिटलीकरण में आगे बढ़ रहा है, साइबर अपराध में भी वृद्धि हो रही है। झारखण्ड भी इससे अछूता नहीं है। साइबर अपराध की गंभीरता को देखते हुए राँची, दुमका, हजारीबाग सहित 8 जिलों में नये साइबर थाने बनाए गए हैं। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के जरिए अबतक 95 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज की गयी हैं। लगभग 16 करोड़ की राशि को ब्लॉक किया गया है। 2 करोड़ 62 लाख की राशि को पीड़ितों के खातों में वापस की गई है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे राज्य झारखण्ड की अधिकांश आबादी गांवों में निवास करती है। जिसकी रोजी-रोटी का साधन कृषि है । ऐसे में किसान सरकार की पहली प्राथमिकता है।राज्यपाल ने कहा कि ‘झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना’ सरकार की किसान कल्याणकारी योजना है। इस साल इस योजना की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है। इस योजना से अबतक 4 लाख 70 हजार किसानों का 1900 करोड़ का ऋण माफ किया गया है।