जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के मुंडारी भाषा के प्रोफेसर को दी विदाई।
Ranchi : रांची विश्वविद्यालय के राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय, रांची में पहली बार मुंडारी भाषा में प्रशस्ति पत्र प्रदान कर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के मुंडारी भाषा के प्राध्यापक डॉ. सिकरादास तिर्की को विदाई दी गयी। पूरे रांची विश्वविद्यालय में में यह पहला मौका है जब किसी शिक्षक को उसके विदाई के वक्त दिया गया हो। विदाई समारोह में प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार ने शाल और स्मृति चिंह देकर सम्मानित किया। प्राचार्य ने कहा कि डॉ. तिर्की विभाग एवं महाविद्यालय के हर कार्य को तन मन और पूरी निष्ठा से करते रहे हैं। इन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं, जो विभाग, महाविद्यालय के साथ मुंडारी साहित्य के बहुत बड़ी उपलब्धि है। हम दुआ करते हैं आगे भी और नये नये कार्य कृति हासिल करे। डॉ. खालिख अहमद ने कहा कि शांत और सहयोगी व्यक्तित्व के धनी हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. ए. खाखा ने कहा उनके ग्रामीण जीवन से पढ़ाई लिखाई और उरांव जाति के होते हुए भी मुंडारी भाषा की ओर रूझान सही में यह एक मिषाल है। ये सेवानिवृत्ति केवल कॉलेज से हुए हैं काम से नहीं। डॉ. अजीत मुंडा ने सेवानिवृति का प्रषस्ति पत्र मुंडारी भाषा में पढ़ कर सुनाया। मंच संचालन डॉ. मृदुला प्रसाद ने किया। विदाई समारोह में डॉ. संजय चक्रवर्ती, डॉ. दिनेष प्रसाद, डॉ. जेपी सिंह, डॉ. जफर, डॉ. नीता लाल, डॉ. स्मिता किरण, डॉ. मनिष टुडु, डॉ. नैंसी, डॉ. रीता, डॉ. नीतु, सुनिल कुमार, पप्पु कुमार, सोनाली माझी, अनिल आदि छात्र छात्राएं भी मौजुद थे।