झारखण्ड में डीजीपी नियुक्ति पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी ने कहा-सुप्रीम कोर्ट की अवेहलना है..हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश स्वतः संज्ञान लें..
राँची।भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को नियमित डीजीपी बनाने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में दिए फैसले की अवहेलना करार दिया। उन्होंने झारखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से स्वतः संज्ञान लेने की मांग की है।
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बाबूलाल मरांडी ने आज बुधवार को पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि चुनावी धांधली के एक आरोपी अधिकारी जो लंबे दिनों तक निलंबित भी रहे हों और जो अप्रैल 2025 में सेवा निवृत्त हो रहे हों,उनको आनन फानन में नियमों को ताक पर रखकर नियमित डीजीपी इसलिए बनाया गया कि उनका सेवा कार्यकाल बढ़ जाए।
भाजपा के झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 07 जनवरी को मंत्री परिषद से अनुमोदन दिया गया कि झारखण्ड में डीजीपी की नियुक्ति कैसे हो।इसके लिए राज्य स्तर पर एक समिति बनाने की बात थी।राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने पहले की व्यवस्था से बचने के लिए राज्य स्तर पर नियुक्ति के लिए समिति बनाने की बात की. इस समिति में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्ति न्यायाधीश, झारखण्ड सरकार के मुख्य सचिव, लोक सेवा आयोग के कोई सदस्य, झारखण्ड लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या सदस्य जैसे कई लोगों को शामिल करना था, जो एक सूची तैयार करती और उसी सूची में से किसी एक को डीजीपी बनाया जाना था। लेकिन बिना कोई समिति बनाए प्रभारी डीजीपी को नियमित डीजीपी बना दिया गया। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि साफ है कि सरकार ने अफरा तफरी में अप्रैल में रिटायर होने वाले आईपीएस अधिकारी को नियमित डीजीपी भी बना दिया, ताकि उन्हें 2026 तक पद पर बने रहने का मौका मिल जाए।
डीजीपी की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना- मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 2006 में सर्वोच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए निर्देश दिया था कि राज्यों में डीजीपी की नियुक्ति लोक सेवा आयोग की अनुशंसा पर ही हो। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि जब तक राज्य की सरकार कोई नियम नहीं बना लेती, तब तक सर्वोच्च न्यायालय की 2006 के आदेश का अनुपालन होगा। यहां बिना किसी एक्ट के नियमावली नहीं बनी और मनमाने तरीके से एक आरोपी प्रभारी डीजीपी को नियमित डीजीपी बना दिया गया।
स्वतः संज्ञान लें उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने नियमों की अवहेलना की है।ऐसे के झारखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।
चुनावी धांधली के आरोपी हैं अनुराग गुप्ता, सीबीआई जांच हो- बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी ने अनुराग गुप्ता को चुनावी धांधली का आरोपी अधिकारी करार देते हुए कहा कि ये बदनाम अधिकारी रहे हैं।जो अधिकारी चुनावी धांधली के चलते निलंबित रहा है उसे कैसे राज्य का नियमित डीजीपी बना दिया गया।अनुराग गुप्ता के कार्यकलापों की सीबीआई जांच हो और डीजीपी की नियुक्ति पैनल के अनुसार हो, यह मांग भाजपा करती है।