वन कर्मियों का कारनामा,न सूचना-न नोटिस; तोड़ दिया गरीब का आशियाना…लोगों में आक्रोश…
गिरिडीह।झारखण्ड के गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के खेतको में वनरक्षियों के द्वारा निर्माणाधीन अबुआ आवास तोड़े जाने से लोगों में आक्रोश है।इस घटना का चौतरफा विरोध किया जा रहा है।बगोदर के सत्ताधारी से लेकर विपक्षी पार्टी के द्वारा भी वन रक्षियों के इस कार्रवाई का विरोध एवं निंदा की गई है। दूसरी तरफ इस मामले को लेकर बगोदर की बीडीओ निशा कुमारी ने आवास तोड़ रहे वन कर्मियों के खिलाफ थाना में लिखित शिकायत की है।कहा जाए मामले को लेकर जिले का तापमान बढ़ गया है।
दरअसल,खेतको गांव की तारा कुमारी पांडेय नामक महिला को अबुआ आवास मिला है।महिला के मुताबिक वह भू दान की जमीन पर आवास बना रही है। इस बीच गुरुवार को कुछ वन कर्मी पहुंचे और उसके निर्माणाधीन आवास को यह कहकर तोड़ने लगे कि आवास वन भूमि पर बन रहा है।वह गिड़गिड़ाती रही लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।महिला ने इस मामले को लेकर बगोदर थाना में वन कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी के लिए आवेदन दी है। जबकि सरिया-बगोदर के एसडीएम को भी न्याय के लिए पत्र सौंपा है।
घटना पर विधायक नागेन्द्र महतो एवं पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह ने भी वन रक्षियों की कार्रवाई की आलोचना की है। साथ ही मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।इसके अलावा जेएलकेएम के द्वारा भी घटना पर नाराजगी जताई गई है। घटना को लेकर विधायक नागेंद्र महतो शुक्रवार को महिला के घर पर भी पहुंचे। वहीं माले का प्रतिनिधिमंडल भी खेतको पहुंचा और पूरी जानकारी ली है।
दूसरी ओर बीडीओ निशा कुमारी और थाना प्रभारी विनय कुमार यादव ने भी शुक्रवार को खेतको पहुंचकर मामले की छानबीन की।इस मामले में पुलिस द्वारा वनरक्षियों से भी पूछताछ की गई है।वन रक्षियों ने पुछताछ में पुलिस को बताया कि निर्माणाधीन अबुआ आवास वन विभाग की जमीन पर बन रहा था, इसकी जानकारी मिलने पर वनरक्षी आनंद प्रजापति, वनरक्षी सरफराज आलम एवं टेटलगार्ड छोटी मंडल पहुंचे थे और निर्माण को ध्वस्त किया।
“खेतको की महिला तारा देवी को अबुआ आवास आवंटित किया गया है. महिला आवास ही बना रही थी जिसे तोड़ा गया है। महिला ने पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया है।इस मामले में आवास को तोड़ने वाले वनकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी जा रही है।बगोदर थाना को आवेदन दिया गया है।” – निशा कुमारी, बीडीओ बगोदर
“खेतखो की जिस तारा देवी नामक महिला के आवास को तोड़ा गया है, वह आवास भू – दान में मिली जमीन पर महिला बना रही थी.महिला के पास भू – दान के कागज हैं.हालांकि इसकी जमाबंदी नहीं की गई है।” – मुरारी नायक, सीओ, बगोदर
“आवास तोड़ने का वीडियो हमें भी मिला है।इस मामले को काफी गंभीरता से लिया गया है। प्रमंडल के अमीन से जमीन की मापी करवायी गई है। वहीं बगैर सूचना के तोड़ फोड़ किए जाने के मामले को गंभीर मानते हुए एक जांच टीम बनायी गई है। मामले में वनपाल या वनरक्षी जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई निश्चित तौर पर होगी।” – विकास उज्जवल, डीएफओ, हजारीबाग पूर्वी
इस घटना की जानकारी लेने के बाद विधायक नागेन्द्र महतो ने बताया कि भुक्तभोगी तारा कुमारी पांडेय ने बताया कि उनकी दादी सास को भू-दान में जमीन मिली थी।उसका पर्ची भी है। उनके परिवार के लोग तीन पीढ़ी से उसी जगह पर रहते आ रहे हैं।पहले खपरैल मकान था, जिसे तोड़कर अबुआ आवास बनाया जा रहा है। विधायक नागेन्द्र महतो ने मामले को गंभीर बताया।उन्होंने डीएफओ को पूरे मामले से अवगत कराकर मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह ने भी घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि बगैर जमीन मापी और नोटिस के वन रक्षियों के द्वारा जिस तरह से गरीब परिवार का निर्माणाधीन अबुआ आवास तोड़ा गया वह निंदनीय है।उन्होंने कहा कि वन भूमि पर बड़ी-बड़ी निजी कंपनियां चल रही है, इस ओर विभाग का ध्यान नहीं है.वन विभाग का डंडा गरीबों पर चला है.उन्होंने मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है.साथ ही इस परिवार को बसाने की मांग की है।
दूसरी ओर घटना की सूचना मिलने पर भाकपा माले का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को गांव पहुंचा।मामले की जांच पड़ताल की।प्रतिनिधि मंडल में शामिल प्रखंड सचिव परमेश्वर महतो ने कहा कि परिजनों एवं गांव के बुजुर्गो ने साफ कहा कि तारा कुमारी पांडेय के पूर्व इनके पूर्वज भी 70 सालों से इसी जमीन में रहते आ रहे हैं।उक्त जमीन इस परिवार को भू-दान में मिला है। मौके पर उप प्रमुख ने फोन के माध्यम से रेंजर सुरेश राम से बातचीत करते हुए मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। प्रतिनिधि मंडल में पार्टी नेता पूरन महतो, उप प्रमुख हरेन्द्र कुमार सिंह, मुखिया प्रदीप महतो, कैलाश महतो, खुबलाल महतो, मनोहर माली, भोला महतो, सतेन्द्र यादव, राजेन्द्र महतो आदि शामिल थे।
वीडियो को देख लोगों में बढ़ रहा आक्रोश
वन रक्षियों के द्वारा निर्माणाधीन अबुआ आवास तोड़े जाने का वीडियो भुक्तभोगी तारा देवी ने बनायी है।वीडियो में वनरक्षी का तेवर आपत्तिजनक है। ऐसे में वीडियो देखने के बाद लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोग इस मामले पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इधर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि एक गरीब व्यक्ति अपने सपनों का घर बनाने में अपनी पूरी ज़िंदगी की कमाई लगा देता है। लेकिन गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड स्थित खेतको में निर्माणाधीन आवास को वन विभाग के कर्मियों ने ज़बरदस्ती ढहा दिया।
महिला दीवार न गिराने की गुहार लगाती रही, लेकिन वनकर्मियों ने उसकी एक न सुनी। महिला को गंदी-गंदी गाली भी दी गई। महिलाओं को गाली देने का ये अधिकार किसने दिया? यह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को बताना चाहिए।
हेमंत सरकार में प्रशासन संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पार चुका है।गिरिडीह डीसी दोषी वनकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें तथा पीड़ित महिला को हुए नुकसान की भरपाई सुनिश्चित करें।