भाई के सैन्य अफसर बनने पर गर्व से भरे परिजन….राँची के सौरभ बने लेफटिनेंट…
राँची।झारखण्ड की राजधानी राँची के शारदा बाबू स्ट्रीट,लाइन टैंक रोड निवासी सौरभ महापात्र,इंडियन मिलिट्री एकाडमी में प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात बीते 14 दिसंबर को देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकाडमी में आयोजित दीक्षांत परेड समारोह में भारतीय सेना में लेफटिनेंट के पद पर कमीशन हुए हैं।स्पेशल कमिशन्ड ऑफिसर कोर्स के प्रशिक्षण के दौरान इन्होंने सर्वश्रेष्ठ फायरर एवं फस्ट इन आर्डर ऑफ मेरिट एस०सी०ओ०कोर्स का पदक भी हासिल किया।
सौरभ महापात्र वर्ष 2008 में भारतीय सेना के ब्रीगेड ऑफ दी गार्डस में स्पोटर्स कोटा में सिपाही के पद पर बहाल हुए थे। भारतीय सेना में पदाधिकारी बनने की अपने सपने को पूरा करने के लिए इन्होंने सेना में कार्यरत रहते हुए अपने कर्तव्यों का पुरी निष्ठा के साथ निर्वाहन करने के साथ ही अपनी पढ़ाई जारी रखी एवं अन्य आवश्यक तैयारियाँ की। इनकी प्रारंभिक शिक्षा बरियातु, राँची स्थित आर्मी स्कूल से हुई है। सौरभ की माता सविता महापात्र गृहणी है और बड़े भाई सुदीप महापात्र झारखण्ड सशस्त्र बल में कार्यरत है, इनकी पत्नी किरण महापात्र शिक्षिका है जिन्होंने परिवारिक जिम्मेदारियों को निपुणता के साथ सफलतापूर्वक निभाया एवं पति सौरभ को अपने सपने को पुरा करने के लिए काफी मदद एवं प्रेरित किया। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने के साथ ही सौरभ वॉलीबाल स्पर्द्धा के अच्छे खिलाडी भी हैं। श्री शेखर बोस, अन्तर्राष्टीय वॉलीबाल प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में इन्होंने कई राष्ट्रीय स्तरीय एवं राज्यस्तरीय वॉलीबाल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर झारखण्ड राज्य को गौरावित भी किया है।
सेना में पदाधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने की अपनी सफलता का श्रेय सौरभ अपने परिवार एवं अपने पूर्व सी०ओ०कर्नल नंद गोपाल यादव को देते है जिनके मार्गदर्शन एवं समय समय पर दिये गये आवश्यक एवं सटीक तकनीकि सलाह के कारण इन्होंने सफलता हासिल किया।ये पूरी जानकारी सौरभ के भाई सुदीप महापात्र ने दी है।
बता दें भारतीय सैन्य अकादमी के गौरवशाली इतिहास में 14 दिसम्बर का दिन भी शामिल हो गया है।दरअसल सैन्य अकादमी से आज 456 कैडेट्स भारतीय सेना में बतौर अफसर शामिल हो गए हैं।खास बात ये है कि अकादमी से 35 विदेशी कैडेट्स भी पासिंग आउट हुए।पासिंग और परेड में रिव्यूइंग ऑफिसर के रूप में नेपाल के सेना प्रमुख अकादमी में परेड की सलामी ली।अकादमी में परेड के लिए काफी समय से तैयारियां चल रही थी, ऐसे में सभी तैयारियों को पूरा करते हुए अकादमी में कैडेट्स प्रथम पग के साथ ही सैन्य अफसर बन गए हैं।इसके साथ ही ये अब सेना में इनका पहला कदम भी होगा।