हवलदार हत्याकांड के बाद भी कैदी की सुरक्षा काे लेकर नहीं हुए सजग, रिम्स में खुलेआम उड़ रहा नियम-काननू की धज्जियां–

 

–ईलाज कराने रिम्स पहुंचा कैदी अस्पताल काे बना दिया घर, पत्नी के साथ वार्ड में खेला रहा बच्चा, सुरक्षाकर्मी माेबाइल में मस्त

राँची।ईलाज के नाम पर रिम्स में भर्ती हाेने वाले कैदी न सिर्फ इसे आरामगाह की तरह इस्तेमाल करते हैं, बल्कि अब ताे इनके लिए यह घर बन गया है। हत्या, चाेरी, लूट व गबन के आराेप में बंद कैदी खुलेआम माेबाइल पर अपने परिवार वालाें से बातचीत करते हैं और बिना हथकड़ी के ही बिंदास वार्ड में घुमते हैं। सुरक्षा में तैनात जवान कैदियाें काे ऐसा करने से राेक-टाेक तक नहीं करते। जबकभी हथकड़ी लगाते भी हैं ताे हाथ के बजाए पैर में ताकि पूरी तरह से फ्री हाेकर कैदी अपने परिवार वालाें के अलावा वहां मिलने के लिए पहुंचने वाले लाेगाें के साथ साथ माैज-मस्ती कर सके। काेई अपना बच्चा खेला रहा है ताे काेई अपनी पत्नी व दामाद से बातचीत। सुरक्षा में तैनात जवान माेबाइल में ही व्यस्थत रहते हैं। ऐसा हाल तब है जब करीब 20 दिनाें पहले ही हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में इलाजरत उम्रकैद की सजा काट रहा कैदी शाहिद अंसारी ने सुरक्षा में तैनात हवलदार हेंब्रम चौहान की हत्या कर फरार हाे गया।एक अखबार के पत्रकार ने जब रिम्स के अलग-अलग वार्ड में भर्ती कैदियाें का स्टिंग किया ताे चाैकाने वाले नजारे सामने आए।

कैदी काे ऐसी आजादी और कहां … पैर में हथकड़ी और गाेद में बच्चा

मेडिसिन आईसीयू में भर्ती कैदी सुभानी अंसारी पर चाेरी का आराेप है। 6 महिना पहले उसे कुजू थाना से जेल भेजा गया था। हालांकि इसी दाैरान मिरगी की शिकायत के बाद यह तीसरी बार उसे 22 अगस्त काे रिम्स में भर्ती कराया गया है। सुभानी काे देखकर लगता है कि कैदी काे ऐसी आजादी और कहां मिल सकता है। हाथ के बजाए पैर में हथकड़ी बंधा है और गाेद में वह अपने बच्चे काे लेकर खेला रहा है। बगल में पत्नी बैठी है जबकि सामने में बेड पर ही बेटी। कैदी के साथ घंटाे बिस्तर पर बैठी पत्नी जरूरत के हिसाब से पत्नी हर सामान और खाना-पानी देती है। सुरक्षा के नाम पर तीन जवान माैजूद हैं जाे हाेटवार जेल से पहुंचे हैं। हालांकि तीनाें पूरी तरह से बेखबर बनकर खूद में मस्त रहते हैं।

रिम्स में कैदी, कैद में सिस्टम

इलाज के नाम पर रिम्स पहुंचने वाले कैदियाें का जब वार्ड में जाकर पड़ताल किया ताे पता चला कि कैदी बनकर भर्ती हुए मरीज ने पूरे सिस्टम काे ही कैद कर लिया है। सुरक्षा के नाम पर जिसके पास जवान माैजूद हैं, वह भी कुछ नहीं कर पा रहा है। जवान के सामने ही कैदी से जिसे मन, वह मुलाकात कर रहा है। उसके लिए ना ताे समय निर्धारित है और ना ही मुलाकाती का संख्या। जवानाें के सामने ही काेई कुछ भी खाने-पीने के लिए दे रहा है और कैदी उसका सेवन कर रहा है। सुरक्षाकर्मी का हिम्मत नहीं कि कैदी काे किसी तरह का राेक-टाेक करे।

सच्चाई : बिमारी कुछ नहीं, परिवार वालाें के सामने रहने का निकाला रास्ता

मेडिसिन आईसीयू वार्ड में ही माैजूद एक जवान ने बातचीत के दाैरान बताया कि वह भी दूसरे जिला से मरीज काे लेकर ही ईलाज के लिए पहुंचा था। नाम नहीं छापने की शर्त पर बातचीत करते हुए कहा कि इनलाेगाें में ज्यादातर कैदी काे किसी प्रकार की काेई बिमारी नहीं है। आराम करने व परिवार वालाें के सामने रहने के लिए ही यह रास्त ढूंढ लिया है। डाॅक्टर के सामने खूद काे गंभीर बिमारी से ग्रसित बताकर यहां भर्ती हाे जाता है जिसके बाद कई दिनाें तक आराम करता रहता है। उसने यह भी बताया कि जमीन के नाम पर गबन के मामले में मुफ्फसील थाना से जेल भेजा गया कैदी तुलसी गोस्वामी बुखार की शिकायत व पीलिया की शिकायत के बाद 18 अगस्त से भर्ती है। इनके साथ पत्नी काैशल्या देवी रिम्स में ही रहती है। अक्सर दामाद रामदेव कुमार भी अपनी पत्नी काे लेकर वार्ड पहुंचते हैं। दिनभर कैदी के पास सभी परिवार रहता है और सभी माैज करते हैं। पत्रकार ने जब कैदी के दमाद रामदेव कुमार से बातचीत किया ताे उसने बताया कि ससुर बेकसुर हैं। तनाव में ही उनका स्वास्थ्य खराब हाे गया है।

सुरक्षाकर्मी कर रहे हैं नियम के विरूद्व काम, कैदी कभी भी दे सकते हैं बड़ी घटना का अंजाम

कैदियाें की सुरक्षा में तैनात जवान नियम के विरूद्व काम कर रहे हैं। जेल मैनुअल के अनुसार कैदी काे हाथ में ही हथकड़ी लगाना है। किसी भी परिस्थिति में कैदी काे पैर में हथकड़ी नहीं लगा सकते। हालांकि जेल मैनुअल के विरूद्व कैदियाें के पैर में हथकड़ी लगाकर रस्सा काे बेड के राॅड से बांध दिया है। ऐसे में कैदी का हाथ पूरी तरह से फ्री है जिसकी वजह से वह कभी भी बड़ी घटना का अंजाम दे सकता है। पैर में लगे हथकड़ी खाेलकर या काटकर भी आसानी से वह फरार हाे सकता है।

दाे दिन पहले थानेदार संभाले हैं कमान, कैदियाें के बारे में नहीं है काेई जानकारी

रिम्स के अलावा वहां भर्ती मरीज और कैदियाें के सुरक्षा की जिम्मेवारी बरियातू थाने काे भी दी गई है। समय-समय पर रिम्स में इलाजरत कैदियाें की सुरक्षा में तैनात जवानाें का निरीक्षण करना हाेता है। हालांकि बरियातू थानेदार मनाेज कुमार ने दाे दिन पहले ही थाने का कमान संभाला है। ऐसे में जब उनसे पूछा गया ताे बताया कि फिलहाल उन्हें किसी प्रकार की काेई जानकारी नहीं है।पत्रकार के माध्यम से कैदियाें के सुरक्षा में लापरवाही की जानकारी मिली है ताे इसे गंभीरता से लिया जाएगा। जल्द ही रिम्स जाकर कैदियाें के सुरक्षा की जांच करेंगे।
साभार:दैनिक भाष्कर