नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट दायर की, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी का नाम शामिल…
नई दिल्ली।नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ की थी। अब इस मामले में 25 अप्रैल को सुनवाई होगी। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अदालत में याचिका दाखिल की थी। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र) दायर की है। उक्त आरोप पत्र में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और कई अन्य कंपनियों के नाम भी शामिल हैं।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल की, जिसमें धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल व्होरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को हड़पने का आरोप लगाया था। इस मामले में जून 2022 में ईडी ने राहुल गांधी से 5 दिनों में 50 घंटे और सोनिया गांधी से 3 दिनों में 12 घंटे तक पूछताछ की थी।
ईडी के आरोपों के अनुसार, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके बाद नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया। आरोप था कि दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए ऐसा किया गया था।
साल 2014 के जून महीने में अदालत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था। अगस्त 2014 में ईडी ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने दिसंबर 2015 में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी। इस शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं पर आपराधिक साजिश रचने एवं यंग इंडियन के माध्यम से मात्र 50 लाख रुपये में AJL की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां हड़पने का आरोप लगाया गया था।
चार दिन पहले 11 अप्रैल को केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रारों को औपचारिक नोटिस जारी किए थे, जहां AJL की संपत्तियां स्थित हैं। ये संपत्तियां यंग इंडियन नामक कंपनी के माध्यम से अधिग्रहित की गई थीं, जिसके लाभार्थी सोनिया और राहुल गांधी हैं। जांच में AJL की संपत्तियों से जुड़ी 988 करोड़ रुपये की आपराधिक आय की कथित लॉन्ड्रिंग का खुलासा हुआ था।इन संपत्तियों में दिल्ली, मुंबई और लखनऊ की अचल संपत्तियां (661 करोड़ रुपये कीमत की) और AJL के शेयर (90.2 करोड़ रुपये) शामिल हैं, जबकि 20 नवंबर 2023 को अस्थायी रूप से अटैच किया गया था। न्याय निर्णय प्राधिकरण ने 10 अप्रैल 2024 को इस अटैचमेंट की पुष्टि की थी।