प्रवर्तन निदेशालय ने एक साल में 500 एकड़ से अधिक जमीन के दस्तावेज में फर्जीवाड़ा का किया खुलासा…

 

राँची।राजधानी राँची में जमीन के दस्तावेजों में हेराफेरी कर उन्हें कब्जा कर बेचने के मामले राँची पुलिस के पास तो दर्ज हो रहे है। लेकिन पुलिस उन मामलो में ना तो फर्जीवाड़ा निकाल पा रही है और ना ही आरोपियों को गिरफ्तार कर पा रही है। नतीजा यह है कि जिन लोगो की जमीनों को कब्जा किया जा रहा है उनका राँची पुलिस पर विश्वास उठता जा रहा है। ईडी पिछले साल से उन जमीन घोटाला के मामलों की जांच कर रहा है जिन मामलो में राँची पुलिस ने वर्ष 2022 में प्राथमिकी दर्ज की थी। इन्हीं मामलों में ईडी ने अनुसंधान के दौरान अबतक एक दो एकड़ नहीं बल्कि 500 एकड़ से अधिक जमीन के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा का खुलासा किया है। जिसकी जांच जारी है। जबकि राँची पुलिस इन्हीं मामलो में एक आरोपी तक को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई। वहीं ईडी ने अबतक करीब दो दर्जन लोगो को जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार कर चुका है। आम लोग जिनकी जमीन के दस्तावेज में फर्जीवाड़ा किया गया है और उसपर कब्जा कर बेचा गया है ऐसे 300 से अधिक शिकायत के मामले अब ईडी के पास पहुंच चुके है।

केस वन :- वर्ष 2022 में सदर थाना में चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन की हुई खरीद बिक्री में हुए फर्जीवाड़े मामले में प्राथमिकी (कांड संख्या 399/22) दर्ज हुई थी। लेकिन जांच के बाद रांची पुलिस ने इस मामले को सिर्फ जमीन का विवाद बता कर मामला क्लोज कर दिया था। इस मामले की जब ईडी ने जांच शुरू की तो जमीन की खरीद बिक्री मामले में फर्जीवाड़ा की बात सामने आई। इसके बाद रांची पुलिस की इस मामले में फजीहत शुरू हुई तो पुलिस ने फिर इस मामले में जांच शुरू किया। अप्रैल 2023 में सिटी डीएसपी को जांच का जिम्मा दिया गया। लेकिन केस को राँची पुलिस ने फिर से खोला और कुछ ही दिन फिर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। एक साल बाद भी इस मामले में राँची पुलिस को इस केस में कोई फर्जीवाड़ा नहीं मिला सका।

केस टू :- बरियातू थाना में जून 2022 में राँची नगर निगम के टैक्स कलेक्टर ने प्रदीप बागची के विरुद्ध फर्जीवाड़ा की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।राँची पुलिस ने इस मामले में भी अनुसंधान किया। लेकिन पुलिस को कोई फर्जीवाड़ा नहीं मिला। जब ईडी ने अप्रैल 2023 में इस केस को लिया और मामले का अनुसंधान शुरू किया तो पता चला कि जमीन माफियाओं ने 4.55 एकड़ जमीन के फर्जी कागजात बनाकर 20 करोड़ की जमीन को मात्र सात करोड़ में बेच दिया। इस मामले में ईडी ने राजस्व कर्मी सहित 7 जमीन माफियाओं को गिरफ्तार किया।

केस थ्री :- गोंदा थाना में नवंबर 2022 में मिनाती राउत नगड़ी मौजा में फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन बेचने की प्राथमिकी अमरेंद्र कुमार दूबे, नुरुल अंसारी और कमलेश कुमार के विरुद्ध दर्ज कराई।राँची पुलिस इस मामले में डेढ़ साल के दौरान जांच के बाद एक ना फर्जीवाड़ा को सामने ला सकी और ना ही आरोपियों को गिरफ्तार कर सकी। ईडी ने इस मामले को जून 2024 में अनुसंधान के लिया तो मुख्य आरोपी कमलेश कुमार भी गिरफ्तार हो गया।

144 एकड़ जमीन दस्तावेज में इन मौजा में हुआ फर्जीवाड़ा

ईडी के अनुसंधान में यह बात सामने आई की जमीन माफियाओं ने सिर्फ गाड़ी मौजा, बैठा मौजा, बोड़या मौजा, बूटी मौजा, कोकर मौजा, बड़गाई मौजा, नेवरी मौजा, बरियातू मौजा, संग्रामपुर मौजा, बरियातू मौजा और दुबलिया मौजा में 144 एकड़ जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाए। इस घोटाला में मुख्य रूप से जमीन माफिया रिम्स का कर्मी अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान और फैयाज खान शामिल था।

कांके अंचल में 300 एकड़ से अधिक जमीन के दस्तावेज में फर्जीवाड़ा

जिन मामलों में राँची पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन कर रही थी। उसमें राँची पुलिस को कोई फर्जीवाड़ा नहीं मिला। लेकिन ईडी के हाथ में इन मामलों के आते ही नया खुलासा सामने आया है। कांके अंचल में 300 एकड़ से अधिक जमीन के दस्तावेज में फर्जीवाड़ा किया गया। वो भी अंचल के अधिकारियों के साथ मिलकर।

राँची पुलिस हेल्प लाइन नंबर जारी कर ही रह गई

राँची में जोर जबरदस्ती और कागजों में हेरा-फेरी कर जमीन पर कब्जा करने वाले भू-माफिया पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने सात मई को आम लोगों के लिए 24 घंटे काम करने वाला हेल्पलाइन नंबर जारी किया था। राँची एसएसपी चंदन सिंहा ने 9153886241 नंबर जारी किया था और कहा था कि पर फोन कर कोई भी पीड़ित जमीन माफिया के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकता है। सिर्फ पुलिस एफआईआर दर्ज करने तक ही सीमित रह गई।