धनबाद:बाघमारा एसडीपीओ गंभीर रूप से घायल,राँची रेफर..एक रैयत को भी लगी गोली

 

धनबाद।झारखण्ड के धनबाद जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के हिलटॉप आउटसोर्सिंग में रैयतों और कंपनी समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प में बाघमारा एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। एसडीपीओ को बेहतर इलाज के लिए राँची रेफर किया गया है। वहीं गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के कार्यालय में भी आग लगा दी गई है। घटना के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच कर रहे हैं।

बता दें हिलटॉप आउटसोर्सिंग में रैयतों और कंपनी समर्थकों के बीच मारपीट के बाद गोलीबारी और बमबाजी की घटनाएं हुई। जिसे लेकर बाघमारा एसडीपीओ के नेतृत्व में पुलिस स्थानीय नेता कारू यादव को गिरफ्तार करने पहुंची थी।कारू यादव को गिरफ्तार करने के दौरान उनके समर्थकों ने पुलिस पर हमला कर दिया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस को वाहन समेत मौके से भागना पड़ा। कालू यादव के समर्थकों द्वारा पथराव किया गया।

कारू यादव के समर्थकों के हमले में एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह घायल हो गए। आनन-फानन में उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उन्हें राँची ले जाया गया है। फिलहाल उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

वहीं इस घटना में दो लोग घायल हैं।जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।इनमें से एक को गोली लगी है।जिस व्यक्ति को गोली लगी है उसने बताया कि वह स्थानीय रैयत है। उस पर गोलीबारी की घटना को कारू यादव के समर्थकों ने अंजाम दिया है।कारू यादव स्थानीय प्रबंधन से मिलीभगत कर अवैध उत्खनन चलाना चाहता है। इसके लिए वह प्रबंधन के साथ मिलकर आसपास की जमीनों पर अवैध उत्खनन चलाने का काम कर रहा है। इस घटना में गिरिडीह सांसद सीपी चौधरी के कार्यालय में भी आग लगा दी गई।इस घटना के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच कर रहे हैं।

दरअसल,मधुबन थाना क्षेत्र के बीसीसीएल गोविंदपुर एरिया 3 अंतर्गत हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी को बुधवार को गिरिडीह सांसद ने काम शुरू नहीं करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद आज जब कंपनी ने काम शुरू किया तो रैयतों ने विरोध जताया, जिसके बाद यहां हालात बिगड़ गए।रैयतों और आउटसोर्सिंग कंपनी के समर्थकों के बीच झड़प हो गई।जिसमें दोनों ओर से दर्जनों राउंड गोलियां चलीं और बमबाजी भी की गई। इस घटना के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

रैयतों का कहना है कि कंपनी ने उचित मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार देने का वादा पूरा नहीं किया है। उन्होंने कंपनी पर रैयतों की मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। वहीं प्रशासन ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इस घटना से इलाके में दहशत का माहौल है और स्थानीय निवासियों में भय व्याप्त है।

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