विधि-व्यवस्था को लेकर डीजीपी ने किया समीक्षा, कहा- अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

राँची। राज्य में विधि व्यवस्था को लेकर गुरुवार को डीजीपी अनुराग गुप्ता ने आला पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। डीजीपी ने सबसे ज्यादा झारखण्ड के हजारीबाग में छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना को लेकर चिंता जताई है।पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी किए गए प्रेस रिलीज में यह बताया गया है कि हजारीबाग में घटित घटना पर चिंता जताते हुए डीजीपी ने आदेश दिया कि भविष्य में ऐसे घटना की पुनरावृति ना हो। सीजीएल परीक्षा को लेकर छात्रों के आंदोलन के बाद हुए उत्पात को लेकर डीजीपी ने आदेश दिया कि हजारीबाग समेत विभिन्न जिलों में विधि व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए।

अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर अफवाह या भड़काऊ पोस्ट करता है तो उसे चिन्हित कर कार्रवाई करने का आदेश डीजीपी ने दिया है।डीजीपी ने विशेष शाखा के पदाधिकारियों को आदेश दिया कि वह आसूचना तंत्र को मजबूत करें ताकि भविष्य में हजारीबाग जैसी घटना की पुनरावृति न हो. सभी जिलों के एसपी से आवश्यक सुरक्षात्मक एवं निरोधात्मक कार्रवाई का आदेश डीजीपी ने दिया।

तीन दिन पूर्व झारखण्ड के हजारीबाग में सीजीएल परीक्षा को लेकर हुआ आंदोलन हिंसक हो गया था।जिसके बाद पुलिस को छात्रों पर लाठीचार्ज करना पड़ा था।ऐसा माना जा रहा है कि भविष्य में भी छात्र सीजीएल परीक्षा को लेकर आंदोलन कर सकते हैं और राजधानी में भी प्रर्दशन कर सकते हैं. यही वजह है की पुलिस को डीजीपी के द्वारा अलर्ट किया गया है।

इस बैठक में एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर, आईजी अभियान अमोल वी होमकर, आईजी विशेष शाखा प्रभात कुमार,राँची डीआईजी अनूप बिरथरे, विशेष शाखा डीआईजी कार्तिक एस, एसपी अभियान अमित रेणू मौजूद रहे। वहीं डीआईजी धनबाद सुरेंद्र कुमार झा, हजारीबाग डीआईजी सुनील भास्कर, राँची, धनबाद, हजारीबाग और लोहरदगा के एसपी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए।

सेंदरा रोकने के लिए सोशल पुलिसिंग में भी लगी पुलिस

वहीं दूसरी तरफ डीजीपी के निर्देश के बाद चाईबासा के गुदड़ी इलाके में ग्रामीणों के द्वारा पीएलएफआई उग्रवादियों की सेंदर की घटना को रोकने के लिए चाईबासा पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।चाईबासा डीआईजी, एसपी समेत अन्य अधिकारियों को ग्रामीणों के बीच जाकर उन्हें कानून हाथ में नहीं लेने की बात समझाने को कहा गया है।वहीं सोशल पुलिसिंग का भी सहारा पुलिस ने लगी है। पुलिस ने मानकी मुंडा समूहों की भी मदद लेनी शुरू की है ताकि सेंदरा जैसी वारदात को रोका जा सके।ग्रामीण इलाकों में कानून के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए खेल प्रतियोगिताओं का सहारा भी लिया जाएगा।