मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने जेल में बंद मंत्री आलमगीर आलम से सभी विभाग वापस लिए..
राँची।बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद झारखण्ड सरकार में कांग्रेस कोटे के कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम से सभी विभाग वापस ले लिए गए हैं। उनके अधीन ग्रामीण विकास के अलावा संसदीय कार्य विभाग था।ये सभी विभाग अब मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन खुद देखेंगे।यह निर्णय शुक्रवार की शाम लिया गया।बता दें कि झारखण्ड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के जेल में बंद रहने से राज्य में ग्रामीण विकास की हजारों करोड़ की योजनाओं पर ब्रेक लगने की आशंका पैदा हो गई थी।झारखण्ड में इसके पहले भी कई मंत्री गिरफ्तार हुए हैं, लेकिन जेल जाते ही उन्हें पद से हटना पड़ा था।यहां तक कि सीएम के पद पर रहते हुए जब ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार करने का फैसला किया, तो उन्होंने हिरासत में लिए जाने के पहले रात 10 बजे राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया था।
आलमगीर आलम की हैसियत राज्य की सरकार में सीएम के बाद नंबर दो मंत्री की रही है। उनके जिम्मे ग्रामीण विकास, पंचायती राज, ग्रामीण कार्य के अलावा संसदीय कार्य विभाग भी था। विधानसभा सत्र आहूत करने से लेकर सदन के भीतर सरकार की ओर से बिल पेश किए जाने एवं विधायी कार्यों से जुड़े मुद्दे पर निर्णय लेने में संसदीय कार्य मंत्री की अहम भूमिका होती है।इसी तरह ग्रामीण विकास की तमाम योजनाओं में कई स्तरों पर मंत्री की मंजूरी की जरूरत होती है। अब उनसे सभी विभाग वापस ले लिए जाने के बाद सीधे मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन इन विभागों के कामकाज पर नजर रखेंगे।
आलमगीर आलम को टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी ने 15 मई की शाम को गिरफ्तार किया था। इसके पहले ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम सहित कई अन्य के ठिकानों पर 6-7 मई को छापेमारी की थी और इस दौरान 37 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद की गई थी।