बिहार के बक्सर में बालू विवाद में खुल्लम-खुल्ला गोलीबारी का Live Video, तीन भाइयों की बिछी लाशें…
बक्सर।बिहार के बक्सर में खूनी संघर्ष में तीन लोगों की मौत हो गई।यह घटना राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में रोड पर बालू गिट्टी गिराने के मामले में गांव के एक परिवार के तीन चचेरे भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है।मिली जानकारी के अनुसार जलहरा कौवा खोंच मुख्य पथ पर अहियापुर गांव के नजदीक रोड पर बालू गिट्टी गिराने के मामले को लेकर शुक्रवार को विवाद छिड़ा। इसी मामले को लेकर शनिवार की अहले सुबह लोगों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। गोलियों की तड़तड़ाहट की आवाज सुनते ही अफरा तफरी मच गया।चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर मृतक के परिजनों के बच्चे एवं महिलाएं भी घर से लाठी डंडा लेकर बाहर निकल पड़े।10 मिनट तक चली गोली से एक ही परिवार एवं पट्टीदार के पांच लोगों को गोली लग गयी। जिसमें से दो कि घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गयी।एक व्यक्ति की मौत अस्पताल जाने क्रम में हो गयी।
बताया जाता है कि गांव के ही मनोज मुखिया और उनके भाई संतोष ने सुनील की बालू दुकान के बगल में ही अपना बालू गिरा दिया था,जिसको लेकर दोनों पक्ष के बीच काफी विवाद हुआ था और सुनील सिंह ने मनोज मुखिया को वहां दुकान खोलने से मना किया था।सुनील सिंह के घर शुक्रवार को बारात आनी थी, जिसमें परिवार व्यस्त था, तभी मनोज मुखिया ने फिर सुनील के बालू दुकान के बगल में अपना बालू गिरा दिया।इसकी जानकारी मिलते ही शुक्रवार को भी दिन में दोनों पक्ष के बीच झड़प हुई थी। पर, घर मे बारात आने के कारण सुनील सिंह का परिवार शांत पड़ गया कि बारात बीत जाने के बाद इसपर बातचीत की जाएगी।
आज शनिवार की सुबह सुनील सिंह का परिवार बारात की विदाई में व्यस्त था, तभी दूसरे पक्ष के लोग हथियारों से लैस होकर आए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।इस घटना में 50 वर्षीय सुनील सिंह और विनोद सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, घायलों में से एक और वीरेंद्र यादव की वाराणसी जाने के क्रम में मौत हो गई है। दो लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस हमलावरो की गिरफ्तारी के प्रयास में जुट गई है वही मौके पर सदर डीएसपी धीरज कुमार भी पहुंचकर छानबीन में जुट गए हैं।
जिला परिषद और मुखिया चुनाव के दौरान ही खूनी संघर्ष की लिखी गई थी पटकथा
बक्सर के राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर में शनिवार को हुए खूनी संघर्ष की पटकथा बीते पंचायत चुनाव में ही लिखी जा चुकी थी। जिला परिषद और मुखिया पद के चुनाव के दौरान ही दोनों पक्षों में तनाव काफी गहरा गया था। रसेन पंचायत के पूर्व मुखिया मनोज यादव की पत्नी सबिता देवी जिला परिषद का चुनाव जीतकर अध्यक्ष थीं, जबकि मनोज यादव की मां भी अकबरपुर पंचायत की पूर्व मुखिया रह चुकी हैं।
दोनों के पक्ष के बीच चल रही थी रंजिश
पिछले चुनाव के दौरान मनोज यादव की पत्नी और उनकी मां दोनों ही चुनाव में पराजित हो गई थीं। दोनों पदों पर जो नए लोग जीते थे, उनसे सुनील यादव का गहरा संपर्क था। इसको लेकर दोनों पक्ष के बीच अंदर ही अंदर रंजिश चली आ रही थी।दोनों पक्ष के बीच पहले से भी मुकदमा चल रहा है। इस बीच सुनील यादव के बालू दुकान खोलने के बाद मनोज यादव ने भी जब उसी जगह अपना बालू बेचना शुरू कर दिया, तो मामला खटक गया। सुनील के विरोध पर दोनों पक्ष के बीच विवाद की नींव पड़ने के साथ वर्चस्व की लड़ाई तेज हो गई।
उसी स्थान पर गिरा दी थी बालू
इधर, बीते शुक्रवार को मनोज ने पुन: उसी स्थान पर बालू गिरा दी, तो दोनों पक्ष के बीच जमकर गाली-गलौज हुई। तब मामला किसी तरह टल गया, लेकिन एक पक्ष इसे दिल पर ले बैठा। रात भर गुस्से की आग धधकती रही और सुबह होते ही मनोज के समर्थकों ने दूसरे पक्ष पर हमला बोल दिया।
लाठी-डंडे के साथ ही असलहे भी लेकर आए थे
हमला करने आए लोग लाठी-डंडे के साथ ही असलहे भी लेकर आए थे। मारपीट लाठी-डंडे से शुरू हुई और जब दूसरे पक्ष ने भी प्रबल प्रतिरोध करना शुरू किया, तो एक पक्ष ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। सामने खड़े लोगों को निशाना बनाकर फायरिंग में कम से कम पांच लोगों को गोली लग गई।
इस खूनी संघर्ष में मारे गए और जख्मी सभी सुनील यादव के ही पक्ष से हैं। इनमें तीन की मौत हो गई और दो व्यक्ति अभी भी जिंदगी के लिए अस्पताल में संघर्ष कर रहे हैं।