“मैं बस एक प्रेम कहानी हूं” मौत भी नहीं मिटा पाई प्यार;प्रेमी ने मृत प्रेमिका से रचाई शादी, लिया आजीवन अविवाहित रहने का फैसला…
एक प्रेम कहानी
तुम एकाग्र मन के साधक हो ,
मै चंचल मन की नारी हूं,
तुम कठोर वज्र के बाहर से ,
मै नाजुक कली सयानी हूं,
तुम रूप रंग से तेजस्वी,
मैं चंद्रमुखी सी प्यारी हूं,
तुम स्वाद से बेहद सात्विक,
मैं मिश्री खाने वाली हूं,
तुम क्रोध में जैसे महाकाल,
मैं पल दो पल में काली हूं,
तुम कर्मपथ पर अग्रसर,
मैं पथ पर भटकी नारी हूं,
तुम समाज को बांधे उस ओर खड़े,
मैं हर बंधन तोड़ के भागी हूं,
तुम जैसे प्रभाकर से उज्ज्वल,
मैं सूरजमुखी की भाती हूं,
तुम राहो में बहता मीठा जल,
मैं राही बहुत ही प्यासी हूं,
तुम चिंतन धैर्य से करने वाले,
मैं चिंता से निखरती जाती हूं,
तुम पुरुषो में पुरुषोत्तम हो,
मैं दुखियारी सन्नारी हूं,
तुम मानवता का उच्च शिखर ,
मैं बस एक प्रेम कहानी हूं ,
मैं बस एक प्रेम कहानी हूं ! मैं बस एक प्रेम कहानी हूं !!
-साभार
इंटरनेट न्यूज:
कोलकाता।आज जहां एक तरफ हम रिश्तों में दरार और प्रेम में धोखे की भयावह कहानियां सुन रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के कोलकाता से एक ऐसी खबर आई है, जिसने सबको चौंका दिया है।एक प्रेमी ने अपनी मृत प्रेमिका की अंतिम विदाई से पहले उसकी मांग में सिंदूर भर कर उसे अपनी पत्नी बना लिया और आजीवन अविवाहित रहने का फैसला कर लिया।यह हृदयस्पर्शी दृश्य देखकर लोगों को हिंदी सिनेमा के शाहरुख खान की फिल्म “कुछ कुछ होता है” का वो मशहूर डायलॉग याद आ गया – “हम एक बार जीते हैं, एक बार मरते हैं, शादी भी एक बार होती है, और प्यार भी एक बार ही होता है।” बंगाल की यह घटना भी कुछ ऐसी ही है, जहां एक युवक ने अपनी मृत प्रेमिका से उसके अंतिम संस्कार में शादी करके प्रेम की एक अमर गाथा लिख दी।इस खबर को जिसने भी सुना, वह भावुक हो गया।
रिपोर्ट के अनुसार, हावड़ा की रहने वाली 23 वर्षीय मौली मंडल और सागर बारिक कई सालों से प्रेम संबंध में थे। साल 2023 में मौली बीमार हो गई और उसे कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। सर्जरी और कीमोथेरेपी के बाद वह ठीक हो रही थी और दोनों जल्द ही शादी करने वाले थे। लेकिन दुर्भाग्यवश, लगभग तीन महीने पहले मौली फिर से बीमार हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस बार, उसकी हालत बिगड़ गई और 2 मई को उसने अंतिम सांस ली।
मौली भले ही इस दुनिया से चली गई, लेकिन वह सागर के दिल में बसी मोहब्बत को नहीं मार सकी। सागर ने अपनी मृत प्रेमिका के अंतिम संस्कार में उसकी मांग में सिंदूर भरकर शादी कर ली और जीवन भर अविवाहित रहने का संकल्प भी ले लिया।शादी के बाद, मौली को उसके पिता के घर से सागर के घर ले जाया गया, बिल्कुल उसी तरह जैसे एक दुल्हन को ले जाया जाता है।फिर, उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। सागर ने बताया कि वह मौली की अंतिम इच्छाओं को पूरा करना चाहता था। उसने आगे बताया कि मौली ने पहले उसे अपने कैंसर के बारे में बताया था और वे एक साथ अस्पताल गए थे। उसने खुलासा किया कि मौली कालीघाट मंदिर में पूजा करना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।फिर भी, उसने उसकी इच्छाओं को पूरा करने के लिए उसकी अंतिम यात्रा में उससे शादी करने का फैसला किया।
मौली के भाई, अनिमेष मंडल ने कहा कि उनकी बहन भाग्यशाली थी कि उसके जीवन में सागर जैसा व्यक्ति था।उन्होंने कहा कि सागर और उसके परिवार ने उनके सबसे कठिन समय के दौरान उनका साथ दिया और उनका प्यार सच्चा था। सागर और मौली की कहानी एक प्रेम कहानी है जो मृत्यु को भी मात दे गई।