झारखण्ड सीआईडी के प्रतिबिंब पोर्टल से एक साल में 1210 साइबर अपराधियों की हुई गिरफ्तारी…देवघर जिला सबसे आगे,656 साइबर अपराधी हुए गिरफ्तार,
–नवंबर 2023 से शुरू हुआ था प्रतिबिंब पोर्टल,गिरफ्तारी में देवघर जिला सबसे आगे,656 साइबर अपराधी हुए गिरफ्तार, राज्य भर में करीब 2500 मोबाइल व 3700 सिम जब्त
राँची।झारखण्ड में साइबर अपराधियों के लिए प्रतिबिंब पोर्टल काल बन गया है। 20 नवंबर 2023 को झारखण्ड में साइबर अपराधियों के विरुद्ध गिरफ्तारी और साइबर अपराध पर काबू पाने के लिए इसकी शुरुआत की गई थी। इसके लागू होने के साल बीतने के बाद झारखण्ड में 1210 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी अलग अलग राज्यों से हो चुकी है। इसमें देवघर जिला सबसे आगे है। देवघर में पिछले एक साल के दौरान सर्वाधिक 656 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं इन साइबर अपराधियों के पास से 1059 मोबाइल, 203 एटीएम व 1601 सिम जब्त किया गया है। साइबर अपराधियों ने जामताड़ा के बाद अपना नया ठिकाना बदल कर देवघर बना लिया है। इसलिए देवघर जिले में सबसे अधिक अब साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हो रही है। राँची जिले में भी इस साल करीब 15 साइबर अपराधियों को अलग अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तारी में गिरिडीह दूसरे और जामताड़ा तीसरे स्थान पर
साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी मामले में गिरिडीह जिला दूसरे स्थान पर है। यहां से एक साल में 222 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं जामताड़ा जिले से 162 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा है कि साइबर अपराधियों के विरुद्ध अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। जिन इलाकों से सबसे अधिक साइबर अपराध की घटनाएं हो रही है वहां प्रतिबिंब एप के माध्यम से रियल टाइम साइबर अपराधियों को पकड़ने का निर्देश दिया गया है। ताकि इन पर काबू पाया जा सके।
2500 मोबाइल व 3700 सिम जब्त, अधिकांश बंगाल के सिम
इन साइबर अपराधियों के पास से राज्य भर में 2500 मोबाइल व 3700 सिम जब्त किए जा चुके है। जब्त सिम में अधिकांश सिम बंगाल के है। अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि बंगाल से फर्जी सिम साइबर अपराधी लेते है। जिनका इस्तेमाल वे देवघर, गिरिडीह, जामताड़ा व आसपास के क्षेत्रों से साइबर ठगी के लिए करते है।
इन क्षेत्रों के ज्यादा है सक्रिय है साइबर अपराधी
साइबर अपराधी जामताड़ा ज़िला एवं देवघर जिले के पथरोल एवं देवीपुर थाना क्षेत्र के ज्यादातर निवासी हैं। इन साइबर अपराधियों की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि ये फर्जी बैंक अधिकारी, कृषि पदाधिकारी, कस्टमर केयर पदाधिकारी, अलग अलग बैंकों के क्रेडिट कार्ड पदाधिकारी, एचपी गैस के पदाधिकारी बनकर साइबर अपराध किया करते है।