झारखण्ड चुनाव 2024:ईवीएम में कैद हुई प्रत्याशियों की किस्मत,छिटपुट घटना को छोड़कर शांतिपूर्ण रहा मतदान

राँची।झारखण्ड विधानसभा का इस बार चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है।दो चरणों में हुए मतदान के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई राजनीतिक दिग्गजों का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में कैद हो गयी है। अब सभी को 23 नवंबर का इंतजार है।दो चरणों में हुए मतदान में कोई बड़ी हिंसक वारदात नहीं हुई है।पुलिस नोडल पदाधिकारी एवी होमकर के अनुसार छिटपुट घटना को छोड़कर मतदान ओवर ऑल शांतिपूर्ण संपन्न हुआ है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान कराना चुनौतीपूर्ण था। केंद्रीय बलों के साथ साथ राज्य पुलिस की कंपनी लगाई गई। बार्डर वाले इलाकों में खासकर दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल से सटे इलाकों में शांतिपूर्ण मतदान हुआ है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा है कि सभी के सहयोग से दूसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया है। शाम पांच बजे तक लगभग 67.59 प्रतिशत मतदान हुआ है। वोटर टर्नआउट की रिपोर्ट रात 11 बजे तक संभावित है, जबकि एंड ऑफ पोल की मुकम्मल रिपोर्ट गुरुवार दोपहर तक आएगी। इवीएम मशीन गुरुवार दोपहर बाद तक स्क्रूटनी के बाद स्ट्रांग रूम में सील कर दी जाएंगीं। उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन में बुधवार को पांच केस दर्ज किये गये हैं और एक पर केस दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है। वह बुधवार को निर्वाचन सदन, धुर्वा में राज्य पुलिस नोडल पदाधिकारी श्री एवी होमकर के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता कर रहे थे।

राज्य पुलिस नोडल पदाधिकारी श्री एवी होमकर ने बताया कि मतदान की समाप्ति के बाद मतदानकर्मी इवीएम मशीन के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी में अपने-अपने गंतव्य पर लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के चुनाव में 891 बूथ नक्सलियों को लेकर संवेदनशील थे। वहीं 6828 बूथ क्रिटिकल कैटेगरी में थे। इसे लेकर 585 कंपनी अर्द्धसैनिक बल की तैनाती की गयी थी। उसके साथ 60 कंपनी राज्य सश्स्त्र बल की भी थी। इसके अलावा होमगार्ड और राज्य पुलिस के 26000 अतिरिक्त जवानों को लगाया गया था। नक्सलियों से जुड़े इलाके में कोबरा और झारखंड जगुआर के जवान लगातार सक्रिय थे।

उन्होंने बताया कि मतदान को लेकर बंगाल और बिहार से जुड़ी सीमा को सील कर दिया गया था। वहां 114 नाका बनाये गये थे। बिहार और बंगाल ने भी सहयोग करते हुए अपने सीमा क्षेत्र में 124 नाका बनाये थे। इस दौरान 115 अवैध आग्येनास्त्र और 1800 कारतूस जब्त किये गये हैं। उसके साथ 34 हजार लोगों पर वैधानिक कार्रवाई की गयी है। पूरे चुनाव के दौरान सिर्फ राज्य पुलिस ने 163 करोड़ रुपये की अवैध सामग्री और नकदी जब्त की है। वहीं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक कुल 207.36 करोड़ की अवैध सामग्री और नकदी की जब्ती की जा चुकी है।

पहला चरण 13 और 20 नवंबर को दूसरे और अंतिम चरण में हुए मतदान के बाद सबकी नजरें 23 नवंबर को आनेवाले जनादेश पर टिकी हुई है। इन सबके बीच झारखंड के जिन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।इस लिस्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, सीता सोरेन, मीरा मुंडा, गीता कोड़ा, डॉ. रामेश्वर उरांव, इरफान अंसारी, मिथिलेश ठाकुर सहित कई शामिल हैं। दोनों चरणों के चुनाव में कुल 1213 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं।

झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2024 कई मायनों में अहम रहा। पहली बार राज्य में दो चरणों का मतदान हुआ जिसमें लोगों ने जमकर भागीदारी निभाई। पहले चरण में करीब तीन फीसदी मतदान 2019 के चुनाव से अधिक हुए, जिसमें 43 में से 37 सीटों पर महिलाओं ने पुरुष मतदाता के अपेक्षा अधिक मतदान किया।दूसरे चरण में 38 सीटों पर वोटिंग हुई जिसमें शाम 5 बजे तक 67.59% मतदान हुए हैं। इस चरण में सबसे ज्यादा महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान हुए हैं। जहां 79.40% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।वहीं सबसे कम मतदान बोकारो में हुआ है जहां 50.52% मतदान हुए हैं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के अनुसार मतदान प्रतिशत में बदलाव कल तक संभव है और इसे अंतिम रुप से जारी किया जाएगा।इस बार के चुनाव में सबसे ज्यादा संथाल में मतदाताओं का उत्साह देखा गया जहां ग्रामीण क्षेत्रों में लंबी-लंबी कतारें दिनभर लगी रही।महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव की तुलना में अब तक जानकारी के मुताबिक करीब तीन प्रतिशत अधिक मतदान हुए हैं।2019 में इस विधानसभा क्षेत्र में 76.39% मतदान हुए थे।

बहरहाल मतदान शांतिपूर्ण संपन्न होने से चुनाव आयोग ने राहत की सांस ली है।वहीं अब सबकी नजर 23 नवंबर को होनेवाले मतगणना पर टिकी है। जिस दिन यह तय होगा कि आखिर किसे जनमत मिला है।