मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रस्तावक मंडल मुर्मू ने निशिकांत दुबे से की मुलाकात, राँची आते समय पुलिस ने रोका…जेएमएम ने एक आईएएस,दो आईपीएस अधिकारियों को हटाने की मांग चुनाव आयोग से की…
राँची।झारखण्ड के चुनावी जंग में नया मोड़ आ गया है।झारखण्ड के बरहेट से झामुमो प्रत्याशी और सीएम हेमंत सोरेन के नामांकन में प्रस्तावक बने सिदो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू ने झारखण्ड की राजनीति गरम कर दी है।मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रस्तावक बने मंडल मुर्मू भाजपा के संपर्क में हैं। वह रविवार की सुबह आठ बजे देवघर में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे से मिले और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर अपनी बात रखने की इच्छा जतायी। इसके बाद मंडल मुर्मू सड़क मार्ग से राँची के लिए रवाना हो गये ।इसी बीच राँची जाने के क्रम में डुमरी में पुलिस ने मंडल मुर्मू की गाड़ी रोकी और उनसे काफी देर तक पूछताछ की।इसकी जानकारी मिलने पर भाजपा ने अधिकारियों से शिकायत की।इसके बाद गिरिडीह पुलिस ने मंडल को छोड़ दिया।हालांकि सुरक्षा के लिहाज से मंडल मुर्मू को देर रात तक धनबाद के सरायढेला थाना में बैठाये रखा गया साहिबगंज पुलिस के आने पर उन्हें भोगनाडीह भेज दिया जायेगा।
इधर इस घटना क्रम को लेकर झामुमो गरम हो गया।उसने आरोप लगाते हुए चुनाव अधिकारी के रवि कुमार, आइपीएस संजय आनंद राव लाठकर व अमोल विणुकांत होमकर पर कार्रवाई की मांग की है।इन पर आरोप लगाया कि वे लोग भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। इस मुद्दे पर भाजपा ने भी झामुमो व हेमंत को घेरा।
रविवार की सुबह मंडल मुर्मू भोगनाडीह स्थित अपने घर से निकले और सीधे देवघर स्थित डॉ निशिकांत दुबे के आवास पहुंच गये।इस दौरान करीब दो घंटे तक मंडल मुर्मू व डॉ निशिकांत के बीच बातचीत हुई।वहां से निकल कर जब मंडल मुर्मू राँची जाने लगे तो रास्ते में डुमरी पुलिस ने मंडल मुर्मू को रोक लिया।इधर, डॉ निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर सीएम हेमंत सोरेन पर आरोप लगाते हुए कहा कि 1855 हूल क्रांति के नायक सिदो कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू आदिवासी की घटती जनसंख्या व बांग्लादेशी घुसपैठिया से त्रस्त होकर प्रदेश भाजपा नेतृत्व से मिलने राँची जा रहे थे।डर से मुख्यमंत्री ने डुमरी में उन्हें गिरफ्तार कराया।श्री दुबे ने कहा कि चुनाव आयोग इसे संज्ञान में ले।
मेरे अपहरण की उड़ायी अफवाह, हम डरे हुए हैं : मंडल
अपहरण की अफवाह पर मंडल मुर्मू (भाेगनाडीह, साहिबगंज निवासी) ने धनबाद के सरायढेला थाना में शिकायत की है।उन्होंने कहा है कि वे शहीद सिद्धो-कान्हू के वंशज हैं। 27 अक्तूबर की सुबह सांसद निशिकांत दुबे से देवघर में औपचारिक मुलाकात के बाद वे भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ राँची जाने लगे।इसी क्रम डुमरी थाना की पुलिस ने मुझे बिना कोई कारण बताये गाड़ी से उतार लिया। इसके बाद डीएसपी ने उनसे राँची जाने का कारण पूछा।मैंने जब उन्हें बताया कि वह अपने मित्रों के साथ राँची व्यक्तिगत कार्यवश जा रहे हैं। डीएसपी ने मुझसे स्पष्टीकरण लिखवाते हुए मेरा हस्ताक्षर लिया।सोशल मीडिया से मुझे पता चला कि मेरे अपहरण की अफवाह उड़ायी रही है।उस अफवाह के कारण मैं डर गया हूं। मेरे परिजन भी डरे हुए हैं। इसलिए मुझे सुरक्षित घर पहुंचाया जाये।हालांकि सरायढेला पुलिस ने ऐसा कोई आवेदन मिलने से इंकार किया है।
वहीं परिजनों ने साहिबगंज के संबंधित थाना में सनहा दर्ज कराते हुए कहा कि मंडल का अपहरण हो गया है।वहीं धनबाद पुलिस को सूचना मिली कि मंडल का अपहरण नहीं हुआ है। इस सूचना के बाद धनबाद पुलिस ने साहिबगंज पुलिस को जानकारी दी।इसके बाद साहिबगंज से पुलिस की टीम मंडल को लेने के लिए धनबाद रवाना हुई। देर रात तक मंडल सरायढेला थाना में बैठे थे।