डीजे संदीप हत्याकांड:अवैध हथियार से अभिषेक ने चलाई थी गोली,फर्जी लाइसेंस बनवाया था ! कैसे पांच दिनों बाद बरामद हुई हथियार,पढ़ें पूरी खबर..

झारखण्ड न्यूज Exclusive

राँची।राजधानी राँची के एक्सट्रीम बार में 26 मई को हुए मारपीट और डीजे संदीप प्रमाणिक हत्याकांड मामले में पुलिस ने अबतक 20 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।वहीं अभी भी दो आरोपी फरार चल रहे है। शनिवार को राँची एसएसपी चंदन सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस कर बार मर्डर केस में हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी समेत कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं।एसएसपी ने बताया कि राँची के चुटिया थाना क्षेत्र के एक्सट्रीम बार में संदीप प्रमाणिक उर्फ सैंडी की हत्या में इस्तेमाल किए जाने वाला राइफल को पुलिस ने बरामद कर लिया है। राइफल को तुपुदाना ओपी क्षेत्र के इंसलरी में लक्ष्य ऑटोमोबाइल स्थित एक कार में छिपा कर रखा गया था। पुलिस ने हथियार के साथ 30 गोली, तीन खोखा, एक मैग्जीन के अलावा चार वाहन भी जब्त किए हैं।बता पूरी घटना को उद्भेदन करने में एसएसपी की मॉनिटरिंग में सिटी एसपी के नेतृत्व में सिटी डीएसपी,चुटिया थाना प्रभारी,कोतवली, लोअर बाजार,अरगोड़ा, जगरनाथपुर,तुपुदाना ओपी,खादगढ़ा टीओपी प्रभारी का अहम भूमिका निभाई है।

हथियार का फर्जी लाइसेंस बनवाकर रखा था

जांच में पुलिस को जानकारी मिली कि जिस हथियार से अभिषेक सिंह उर्फ विक्की ने गोली चलाई है।वो हथियार अवैध है।अवैध हथियार का फर्जी लाइसेंस भी बना लिया था।इस बात का खुलासा तब हुआ जब लाइसेंस की जांच करवायी गई।जांच में पता चला कि लाइसेंस फर्जी है।

देशी को मॉडिफाइड कर विदेशी बना दिया हथियार

पुलिस ने हथियार (.315 राइफल) की जांच की और आरोपी से पूछताछ की तो पता चला हथियार को मॉडिफाइड किया गया है।ये देशी अवैध राइफल बना है।जिसे मोडिफाइड कराया गया।उसके बाद अत्याधुनिक राइफल जैसा दिखने वाला शक्ल दिया गया है।देशी को विदेशी हथियार बना दिया है।पुलिस सूत्रों के अनुसार हथियार को बिहार में कहीं बनवाया है।

जो पुलिस के आगे नहीं टूटा,पत्नी बच्चे के आगे टूट गया

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभिषेक सिंह को पुलिस ने घटना के बाद 14 घण्टे के अंदर गिरफ्तार तो कर लिया।लेकिन हथियार बरामद करने में पुलिस को पांच दिन लग गए।गिरफ्तारी के बाद पुलिस की कई टीमें अभिषेक से हथियार के बारे में जानकारी लेने के लिए पूछताछ की।कड़ाई से पूछताछ भी की लेकिन जेल जाते वक्त तक मुंह नहीं खोला।फिर राँची पुलिस ने दूसरे दिन उसे कोर्ट से रिमांड पर लिया।चुटिया थाना में फिर पूछताछ शुरू हुई।36 घंटे तक लगातार पुलिस उससे हथियार के बारे में जानाकरी लेने के लिए रात दिन पूछताछ की फिर भी नहीं टूटा।सूत्रों के अनुसार उसके बाद पुलिस ने अभिषेक सिंह की पत्नी को थाना बुलाया।पत्नी अपने बेटे को लेकर थाना पहुँची।उसके बाद पुलिस ने अभिषेक के सामने पत्नी को बैठा कर कहा हथियार बरामद नहीं हुआ तो पत्नी भी जेल जायेगी।फिर भी अभिषेक कुछ भी नहीं बता रहा था।करीब 4 घण्टे बाद अभिषेक की पत्नी ने अभिषेक से घटना के बाद बीते तीन चार दिनों की कहानी सुनाया।किस तरह वो रह रही है।उसका छोटा सा बेटा किस हालत में है।घर में किस तरह हो परेशानियां का जिक्र किया।पूरी तरह रोना धोना शुरू होने के बाद पत्नी ने अभिषेक से कहा हथियार की जानकारी पुलिस को दे दें।उसके बाद अभिषेक पत्नी की स्थिति देखकर टूट गया और शुक्रवार की शाम में हथियार की जानकारी पुलिस को दी।उसके बाद पुलिस ने उसे लेकर तुपुदाना गैरेज पहुँची और हथियार बरामद किया।पुलिस एफएसएल टीम लेकर गैरेज पहुँची थी।

सुमित,सोनू,आलोक ,अनवर और रोशन ने कैसे सहयोग किया…पढ़ें पूरी रिपोर्ट…

एक्स्ट्रीम बार में मारपीट और हत्या के बाद पुलिस ने 6 दिनों तक कार्रवाई की और कार्रवाई जारी है।इन 6 दिनों में पुलिस ने कई ख़ुलासे किये।वहीं घटना के बाद मुख्य आरोपी विककी को भगाने और हथियार छुपाने के लिए कई लोगों ने सहयोग किया।पुलिस ने 20 लोगों को जेल भेजा है।जिसमें खुला हुआ है कि बार में हत्या करने के बाद अभिषेक ब्रेजा कार से भागकर धुर्वा होते हुए तुपुदाना जा रहा था।लेकिन उसकी कार धुर्वा गोलचक्कर पर दुर्घटना ग्रस्त हो गया था।

कार दुर्घटनाग्रस्त होने पर विक्की ने फोन कर पत्नी को जानकारी दी कि उसका कार एक्सीडेंट हो गया है।उसके बाद पत्नी और अभिषेक के पिता करीब 2 बजे रात में कार लेकर धुर्वा गोलचक्कर पहुँचा।वहीं से पत्नी की मोबाइल से सुमित और सोनू को कार लेकर बुलाया।बता दें सुमित और सोनू अभिषेक के भाई के गैरेज में काम करता है।दोनों गैरेज में ही रहता था।दोनों कुछ देर बाद एक सफेद रंग की कार लेकर धुर्वा गोलचक्कर पहुँचा।उसके बाद रोशन ने अपना रोल निभाने लगा।उसी ने सुमित को एक क्रेन मंगाने कहा और दुर्घटनाग्रस्त कार को अपने गैरेज में ना रखवाकर उसे कचहरी रोड बिहार क्लब के पास एक गैरेज में लगवाने कहा।इधर अभिषेक ने दुर्घटनाग्रस्त कार से चुपके से हथियार निकाल कर सुमित और सोनु के द्वारा लाए कार में रख दिया।इधर धुर्वा गोल चक्कर के पास दुर्घटनाग्रस्त ब्रेजा कार को गैरेज ले जाते वक्त सुमित को कार से दो खोखा मिला था जिसे वहीं झाड़ि में फेंक दिया था।जिसे पुलिस ने शनिवार को बरामद किया।

गैरेज में जाकर हथियार रखा और अनवर के साथ बिहार भाग गया

वही अभिषेक धुर्वा गोलचककर से पिता और पत्नी को घर छोड़कर फिर गैरेज पहुँचा।वहां हुंडई कार में हथियार को बढ़िया से डिक्की में छुपाया और कार को गैरेज में छुपा दिया।उसके बाद वहां से अनवर के साथ कार से रिंग रोड होते बिहार भागने लगा।बताया जाता है कि अनवर को बार में मारपीट के बाद प्रतीक ने तुपुदाना स्थिति गैरेज में पहुँचा दिया था। (अनवर भी गैरेज ही रहता था।मुख्य मिस्री के साथ साथ अनवर वाहन चोरी करने में एक्सपर्ट है) उसके बाद अनवर वहां विक्की का इंतजार कर रहा था।

इधर घटना के बाद राँची पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद अभिषेक के भाई रोशन सिंह ने कार से हथियार छुपाने के लिए आलोक की एंट्री करवाईं।आलोक कुमार रोशन सिंह का दोस्त है।रोशन ने फोन से सुमित से कहा कि कार गैरेज से निकालकर एक व्यक्ति तक पहुँचा दें।सुमित ने ही कार को दिन में कार को आलोक के पास लेकर हिनू इलाके में गया।चूंकि सुमित आलोक को नहीं पहचानता था।उसके बाद रोशन ने जगह और पहुँचने पर फोन पर बात कराने कहा।सुमित ने कार को आलोक को सौंप दिया।उसके बाद आलोक ने पुलिस ताबड़तोड कार्रवाई और जगह जगह जांच के डर से कार को फिर से शाम में गैरेज में लगा दिया।लेकिन बड़ा हथियार होने के कारण हथियार नहीं छुपा सका।

इधर पत्नी और उधर दोस्त का फोन का इस्तेमाल कर रहा था दोनों भाई

हत्या कर भागने और भगाने में अहम रोल निभाने वाले अभिषेक के भाई रोशन सिंह ने गंगटोक से फोन पर डायरेक्शन दे रहा था कैसे हथियार छुपाना है कैसे भागना है।जब गया में अभिषेक पकड़ा गया तो रोशन ने अपना मोबाइल बंद कर दिया और साथ घूमने गए अपने दोस्त का फोन इस्तेमाल करने लगा।इधर विक्की का मोबाइल बार में मारपीट में टूट गया था।इसलिए भागने के दौरान पत्नी का मोबाइल लेकर भाग रहा था।

पुलिस सूत्रों से जानकारी मिली है कि हत्या की घटना के बाद पुलिस करीब पौने तीन बजे से पूरी तरह एक्टिव हो गया।सीसीटीवी फुटेज और अपराधियों की पहचान करने में कुछ समय लगा।उसके बाद सुबह चार बजे ये जानकारी मिली कि अभिषेक सिंह अपने अन्य 6 साथियों के साथ बार में पहुँचे थे।अभिषेक का नम्बर पर फोन किया गया तो नम्बर ऑफ़ था।उसके बाद उस नम्बर का डिटेल निकाला गया।किससे किससे बात हुई है।करीब चार साढ़े चार बजे एक नम्बर मिला जिसका लोकेशन बरही मिल रहा था।उसके बाद पुलिस का कान खड़ा हुआ।नम्बर की जांच की तो पता चला नम्बर अभिषेक की पत्नी की है।उसके बाद चौपारण पुलिस को जानकारी देकर रोकने कहा।पुलिस ने वहां चैकिंग अभियान शुरू किया।लेकिन पुलिस जांच को देखते हुए अभिषेक ने वहां सड़क किनारे कार छोड़कर अनवर और अभिषेक जंगल की ओर भाग गया।उसके बाद जंगल से निकलकर ऑटो,ट्रक और बस फिर स्कॉर्पियो से गया कि ओर भागा जहां गया पुलिस और राँची पुलिस ने दबोचा।

वाहन चोर गिरोह का सरगना है ,मुख्य आरोपी और उसका भाई

पुलिस ने बताया कि गैरेज का संचालन मुख्य आरोपी अभिषेक सिंह के बड़े भाई रोशन सिंह करता था। पंकज उर्फ सोनू और सुमित अभिषेक का कर्मचारी है, जबकि आलोक और रोशन दोनों दोस्त हैं।घटना के बाद रौशन ने ही अपने गिरोह के तीन साथियों के जरिए अभिषेक से हथियार लिया और छिपा रखा था मामले में पुलिस ने पंकज कुमार उर्फ सोनू सिंह, सुमित सिंह उर्फ रोबिन्स कुमार और आलोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि आरोपी अभिषेक सिंह वाहन चोर गिरोह का सरगना है और उसका भाई चोरी की घटना की पूरी प्लानिंग करता है। इस गिरोह के सदस्यों के बीच काम का बटा हुआ था।गाड़ी चोरी करने में मुख्य भूमिका बिहार का अनवर निभाता है।वह लॉक को तोड़ता था और चोरी की गाड़ी को खपाया भी करता था।

एसएसपी ने बताया कि रोशन और अनवर की तलाश की जा रही है उसके पकड़े जाने पर कई और राज खुलेंगे।मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि एक्सट्रीम बार हत्याकांड मामले में पुलिस ने कुल 20 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।वहीं, दो आरोपी अभी फरार चल रहे हैं, जिसकी तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है।

 

बार मर्डर केस में अब तक 20 आरोपी गिरफ्तार

अभिषेक सिंह उर्फ विक्की, सेल सिटी पुंदाग, अशोक कुमार सिंह, सेल सिटी पुंदाग (अभिषेक का पिता), प्रतीक, बिजुलिया रामगढ़, समरुद्दीन, मृत्युंजय कुमार उर्फ मिथुन, खेलगांव होटवार, देवा,लातेहार, प्रकाश,बोकारो, राहुल बिहार के सिवान,सोनू, सुमित,आलोक के अलावा बार के विशाल सिंह (बार संचालक), विकास नगर कांके, तुषार कांती दास (मैनेजर), केतारीबागान नामकुम, अजीत कुमार सिंह (बाउंसर), अशोक नगर, शुभम कुमार (मैनेजर), लटमा रोड, सिंह मोड़, सफीर अहमद (बाउंसर) कांके रोड, विशाल साहू (बार संचालक के मित्र) अशोक नगर, उदय शंकर सिंह (लैंड लॉर्ड) कासीचक नवादा, पंकज अग्रवाल (सहयोगी) ईटकी रोड, मनीष कुमार उर्फ रवि कुमार (सहयोग) पिस्का मोड़।