झारखण्ड के अलग-अलग जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे 37 कैदी जल्द होंगे रिहा…

राँची।झारखण्ड के अलग-अलग जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे 37 कैदियों के लिए खुशखबरी आयी है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई झारखण्ड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में इन कैदियों को रिहा करने का फैसला किया गया है।राजधानी राँची के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में सोमवार (17 फरवरी 2025) को आयोजित झारखण्ड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में 103 मामलों की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया।बैठक में रिहाई से संबंधित नये मामलों के साथ-साथ वैसे कैदियों के मामलों पर भी पुनर्विचार किया गया, जिन्हें झारखण्ड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की पिछली बैठकों में अस्वीकृत कर दिया गया था।बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की अनुशंसा के आलोक में राज्य के विभिन्न कारागारों में आजीवन सजा काट रहे 103 कैदियों को रिहा करने के प्रस्ताव पर अधिकारियों के साथ बिंदुवार गहन विचार-विमर्श किया।

राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की ओर से जिन लोगों की रिहाई की अनुशंसा की गयी थी, उन पर गंभीरता से विचार किया गया। मुख्यमंत्री ने कैदियों के अपराध की प्रवृत्ति और कोर्ट, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों, जेल अधीक्षक एवं प्रोबेशन अधिकारियों के मंतव्य की पूरी जानकारी ली। इसके बाद 37 कैदियों को रिहा करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सहमति दीम

रिहाई के बाद सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ें-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि इन कैदियों की रिहाई के बाद सभी की सामाजिक, आर्थिक एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि का सत्यापन जरूर करें। उन्हें झारखण्ड सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ें।उन्होंने कारा महानिरीक्षक को निर्देश दिया कि रिहाई के बाद इन कैदियों का ट्रैक रिकॉर्ड मेंटेन करें। जिलों के पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारी इनकी सभी गतिविधियों की निरंतर मॉनिटरिंग करें।

बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, कारा महानिरीक्षक झारखण्ड सुदर्शन प्रसाद मंडल, अपर विधि परामर्शी विधि विभाग नीरज कुमार, प्रोबेशन पदाधिकारी चंद्रमौलि, एआईजी तुषार रंजन गुप्ता, जेलर मो नसीम और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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